रांची। सहायक आरक्षकों के लिए बड़ी खबर है। राज्य सरकार ने सहायक पुलिसकर्मियों को 2 साल के लिए एक्सटेंशन दिया है। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेने ने आज इस मामले का मंच से ऐलान कियाहै। उन्होंने पुलिसकर्मियों की ऐसी भर्ती के लिए पूर्ववर्ती सरकार को जिम्मेदार ठहराया। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य के करोड़ों लोगों की हम सेवा कर रहे हैं। पूर्व की सरकार के गलत निर्णयों की वजह से राज्य के कई नौजवान बुरे हाल में फंसे हुए हैं।

सभी को पूर्व की सरकार ने उलझाने का काम किया था। इसलिए इनकी बहाली में 75 प्रतिशत लोग बाहर का आ जाता था। 20 साल में पूर्व की सरकारों ने इतने रास्ते और छेद बनाने का काम किया कि उन्हें बंद करने में समय लग रहा है। इसी क्रम में राज्य में सहायक पुलिसकर्मियों को पूर्व की सरकार ने ऐसा भर्ती किया कि कभी उनके भविष्य का चिंता नहीं किया। इनके भविष्य को सुरक्षित करना मेरी प्राथमिकता है। उन सभी सहायक पुलिसकर्मियों को 2 साल के अवधि विस्तार की मैं आज इस मंच से घोषणा करता हूँ।

आपको बता दें कि वर्ष 2017 में राज्य के 12 जिलों के लिए 2500 सहायक पुलिसकर्मियों को बहाल किया गया था। इन जिलों में पश्चिमी सिंहभूम, पूर्वी सिंहभूम, चतरा, लातेहार, गुमला, पलामू, गढ़वा, दुमका, खूंटी, सिमडेगा, लोहरदगा व गिरिडीह शामिल हैं। तब सिर्फ दो साल के लिए तत्कालीन रघुवर सरकार ने 10 हजार रुपये मासिक पर उन्हें बहाल किया था। दो साल के बाद सहायक पुलिसकर्मियों को एक साल का अतिरिक्त सेवा विस्तार दिया गया था। इसके बाद जब उन्हें सेवा से हटाया जाने लगा, तब सहायक पुलिसकर्मियों ने विरोध कर दिया था।

राज्य के 12 नक्सल प्रभावित जिलों में फिलहाल अनुबंध पर 2500 सहायक पुलिसकर्मी कार्यरत हैं. इनकी नियुक्ति पूर्ववर्ती रघुवर दास की सरकार के कार्यकाल में 2017 में हुई थी. इन्हें प्रतिमाह 10 हजार रुपये बतौर मानदेय मिलता है. हालांकि इनकी नियुक्ति के समय गृह विभाग ने जो नियमावली बनाई थी, उसमें कहा गया था कि इनकी सेवा अधिकतम पांच साल तक ली जायेगी. 2022 में यह अवधि अब पूरी हो गयी है।

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