रांची । राज्य का पहला एक्सप्रेस वे जो रांची से धनबाद तक भारतमाला प्रोजेक्ट के तहत बनना है, का काम तेजी से चल रहा है. इस प्रोजेक्ट के लिये ओरमांझी के 15 गांवों की जमीनें ली गयी हैं. रैयतों को मुआवजा का वितरण भी जारी है. इस प्रोजेक्ट के लिये रैयतों को मुआवजा देने के लिये जिला भू-अर्जन कार्यालय को 50 करोड़ रूपए NHAI के द्वारा दिया गया. इनमें से 30,04,30,466.00 रुपये रैयतों के बीच बांट दिये गये हैं. शेष बचे 19,95,69,534.00 रुपए वितरित किये जाने हैं. यह काम 15 मार्च तक ही होना था लेकिन, रैयतो द्वारा कागजात पूर्ण नहीं देने के कारण अब इसे 31 मार्च तक वितरित कर देने का डेडलाईन निर्धारित किया गया है.

बिना स्पीड ब्रेकर के बोकारो-धनबाद का होगा सफर

राज्य का बनने वाला पहला एक्सप्रेस वे बिना स्पीड ब्रेकर के बनाने के प्रयास में है। ओरमांझी से गोला, पेटरवार होकर जैनामोड़ होते जा रही सड़क पर भीड़भाड़ के कारण ट्रैफिक पर ब्रेक लग जाता है. लेकिन, भारतमाला प्रोजेक्ट के तहत इस एक्सप्रेस-वे के बन जाने से लोगों का समय बचेगा. कम समय में दूरी तय की जा सकेगी. गौरतलब हो कि यह राज्य का पहला एक्सप्रेस-वे होगा. भारतमाला परियोजना के तहत पिछड़े इलाकों, धार्मिक और पर्यटन स्थलों को जोड़ने वाले राष्ट्रीय राजमार्ग बनाए जा रहे हैं. ये परियोजना गुजरात और राजस्थान से शुरू होकर पंजाब, जम्मू-कश्मीर, हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड, उत्तर प्रदेश, झारखंड और बिहार की सीमाओं को कवर करेगी.

81.49 किलोमीटर लंबी बनेगी 8 लेन सड़क

भारतमाला प्रोजेक्ट के तहत रांची के ओरमांझी से जैनामोड़ तक एक्सप्रेस-वे का निर्माण किया जाना है. प्रोजेक्ट के तहत 81.49 किलोमीटर लंबी 8 लेन सड़क बननी है, जो जैनामोड़ और धनबाद को जोड़ेगी. सड़क निर्माण के लिए ओरमांझी से गोला तक 15 गांवों में जमीन का अधिग्रहण किया जा रहा है. करीब 751 रैयतों की जमीन ली जा रही है. जमीन अधिग्रहण के लिए केंद्र सरकार ने कंप्लीट अथॉरिटी फॉर लैंड एक्यूजिशन (सीएएलए) का गठन किया है. इसमें ओरमांझी के अंचल अधिकारी (सीओ) को भी रखा गया है. सीओ को प्रोजेक्ट के लिए जमीन अधिग्रहण करने, रैयतों को मुआवजा दिलाने और प्रोजेक्ट को चालू कराने की जिम्मेदारी सौंपी गई है.

दस्तावेज कि जांच जारी है

प्राप्त जानकारी के अनुसार मुआवजा राशि के लिए रैयतों द्वारा जमा किये गये दस्तावेजों में कई सारी त्रुटियां पायी गयी है. किसी ने दस्तावेज कम दिये हैं तो किसी ने गलत रिकॉर्ड जमा कर दिये हैं. दस्तावेजों की जांच चल रही है। आधिकारिक सूत्रों की मानें तो मुआवजा राशि में किसी तरह की गड़बड़ी न हो इसके लिए कागजात की जांच सघन तरीके से की जा रही है।

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