रांची : सीएम हेमंत सोरेन की अध्यक्षता में प्रोजेक्ट हॉल में Jharkhand मंत्री परिषद बैठक में लिए गए फैसले के अनुसार अब राज्य के पुलिस जवानों, सरकारी सेवकों को उग्रवादी हमले में घायल होकर स्थाई रूप से दिव्यांग होने पर 15 लाख रुपये तक की सहायता राशि सरकार देगी।

इससे संबंधित प्रस्ताव पर मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की अध्यक्षता में बुधवार को हुई कैबिनेट की बैठक में मुहर लगा दी गई। बैठक में कुल 35 प्रस्तावों को हरी झंडी दी गई थी। बैठक में राज्य वित्त रहित शैक्षणिक संस्थान (अनुदान) नियमावली, 2004 में संशोधन को भी स्वीकृति दी गई। बाद में कैबिनेट सचिव ने फैसले की जानकारी दी।

मुआवजा का ये बना नियम

फैसले के अनुसार चुनाव कार्य के अलावा ड्यूटी के दौरान हिंसक हमला या उग्रवादी हमले में घायल पुलिस पदाधिकारियों, कर्मियों व अन्य सरकारी सेवकों और झारखंड में प्रतिनियुक्त या कार्यरत केंद्रीय अर्द्धसैनिक बल के जवानों के स्थाई रूप से दिव्यांग होने पर मुआवजा राशि बढ़ा दी गई है।

यह 3.5 लाख से अब 7.5 लाख रुपये कर दी गई है। 20 फीसदी दिव्यांग होने पर 75 हजार, 25 फीसदी पर 1.5 लाख, 50 प्रतिशत पर 4.5 लाख, 75 फीसदी पर छह लाख व 100 फीसदी तक दिव्यांग होने पर 7.5 लाख रुपये दिए जाएंगे, जबकि उग्रवादी हमले, विस्फोट में घायल होकर दिव्यांग होने पर अधिकतम 15 लाख रुपये दिए जाएंगे।

प्रोन्नति के इस नियम को मिली स्वीकृति

पुलिस रेडियो में अवर निरीक्षकों में अब 50 फीसदी पद सीधी भर्ती और 50 फीसदी प्रोन्नति से भरे जाएंगे। 50 फीसदी प्रोन्नति में 25 फीसदी विभागीय परीक्षा से भरने के प्रस्ताव को विलोपित किया गया है। राज्य स्थापना दिवस पर पुलिस सेवा पदक से सम्मानित करने के लिए स्क्रीनिंग कमेटी की बैठक की अध्यक्षता मुख्य सचिव की बजाए गृह सचिव करेंगे। सहायक पुलिस की नियुक्ति अवधि में एक साल विस्तार के प्रस्ताव को भी मंजूरी दे दी गई है। अब इनकी अनुबंध पर नियुक्ति की अवधि सात वर्ष तक होगी।

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