नालंदा। पढ़ने की लगन हो तो जेल में बंद रहकर भी BPSC पास कर सकते हैं। ऐसा ही एक मामला नालंदा का है, जहां बीपीएससी की तरफ से हाल ही में ली गयी शिक्षक भर्ती परीक्षा राजकिशोर चौधरी चयनित हुए हैं। राजकिशोर एक घरेलू विवाद के मामले में जेल में हैं। लिहाजा उन्हें परीक्षा से लेकर काउंसिलिंग और काउंसिलिंग से लेकर नियुक्ति पत्र के लिए कोर्ट से अनुमति मांगनी पड़ी। इधर सोशल मीडिया में राजकिशोर चौधरी के जज्बे की खूब तारीफ हो रही है। सोशल मीडिया में राजकिशोर के ज्वाइनिंग का एक फोटो सोशल मीडिया में जमकर वायरल हो रहा है।

दरअसल राजकिशोर के खिलाफ घरेलू विवाद का एक मामला थाना कांड संख्या 126/18 दर्ज है। वो फिलहाल जेल में है। जेल से ही वो डीईओ कार्यालय में ज्वाइनिंग लेटर लेने पहुंचा था। राजकिशोर ने जेल में रहकर ही शिक्षक बहाली के लिए बीपीएससी द्वारा ली गयी परीक्षा दी थी. जिसमें वह सफल हुआ. न्यायालय के आदेश पर काउंसिलिंग में उपस्थित हुआ. उसके बाद बिहाशरीफ व्यवहार न्यायालय ने जेल अधीक्षक को कार्यालय जाकर नियुक्ति पत्र उपलब्ध कराने व स्कूल में योगदान कराने की व्यवस्था करने का आदेश दिया. कोर्ट के आदेश पर राजकिशोर को पुलिस हिरासत में नियुक्ति पत्र लेने के लिए भेजा गया. उसके हाथों में हथकड़ी लगी थी।

हालांकि जब राजकिशोर डीईओ कार्यालय में नियुक्ति लेने पहुंचा, तो अधिकारी पशोपेश में थे। लिहाजा उच्चाधिकारियों से अभिमत लिया गया, जिसके बाद आवश्यक कागजी कार्यवाही पूरी करने के बाद नियुक्ति पत्र दे दिया गया. विभाग से मिली जानकारी के अनुसार राज किशोर चौधरी को तिउरी हाई स्कूल में योगदान देना है।

कुछ दिन पहले भी ऐसा ही आया था मामला
सहरसा जिले के सिमरी बख्तियारपुर के प्रखंड शिक्षा कार्यालय में नियुक्ति पत्र लेने के लिए सीधा जेल से एक अभ्यर्थी पहुंचा. उसके हाथों में हथकड़ी थी। अगल-बगल दारोगा सहित दो-चार पुलिस वाले भी थे। पहले तो प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी ने इसे नियुक्ति-पत्र देने से इंकार कर दिया, लेकिन बाद में न्यायालय के आदेश से प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी रंजन शर्मा ने इसे नियुक्ति-पत्र दे दिया। हथकड़ी वाले गुरुजी को देख वहां मौजूद लोगों के अंदर कौतूहल का विषय बना हुआ था।

सहरसा जिले के सिमरी बख्तियारपुर प्रखंड के भटौनी पंचायत निवासी चंदन शर्मा को नियुक्ति पत्र मिलने के बाद धनुपरा पंचायत स्थित मध्य विद्यालय सिमर टोका में योगदान करना था। लेकिन साथ में मौजूद न्यायालय के आदेश पर आए दरोगा ने संबंधित विद्यालय में योगदान देने हेतु ले जाने से इंकार कर दिया। ऐसे में नियुक्ति पत्र मिलने के बाद भी चंदन शर्मा विद्यालय में योगदान नहीं दे सका। हथकड़ी वाले गुरुजी को देख हर कोई चौंक गया. आपको बता दें कि गुरुजी कोई आम मामलों के अभियुक्त नहीं थे, बल्कि परीक्षा में सेटिंग करवाने के आरोप में गिरफ्तार हुए थे।

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