रांची। सोरेन परिवार बहुत ही ज्यादा मुश्किलों में घिर गया है। एक तरफ जहां हेमंत सोरेन की ED ने पूरी तरह से घेराबंदी कर फरार होने को मजबूर कर दिया है, तो वहीं दूसरी तरफ शिबू सोरेन पर भी लोकपाल का शिकंजा कस गया है। शिबू सोरेन के बारे निशिकांत दुबे ने बड़ी अपडेट X पर लिखी है। सांसद ने लिखा है कि, बुरी खबर वीर शिबू सोरेन व उनके परिवार के लिए है।

CBI द्वारा खोजे गये बेनामी 82 सम्पत्ति के हिसाब किताब के साथ लोकपाल ने 15 फ़रवरी को उन्हें अंतिम मौक़ा दिया है। यह केस मैंने ही लोकपाल में किया है, वैसे आज मीडिया के अनुसार मुख्यमंत्री हेमंत जी भगौड़ा की तरह व्यवहार कर रहे हैं । भारत के इतिहास में संभवतः पहला मौक़ा है जब किसी राज्य का मुख्यमंत्री जॉंच एजेंसी से भाग रहा है।

हाईकोर्ट से लग चुका है झटका
आपको बता दें कि इससे पहले आय से अधिक संपत्ति अर्जित करने के कथित मामले में झामुमो के संरक्षक शिबू सोरेन के खिलाफ लोकपाल के समक्ष लंबित कार्यवाही में हस्तक्षेप करने से दिल्ली हाई कोर्ट ने इन्कार कर दिया था। हाई कोर्ट ने कहा कि लोकपाल ने सीबीआई द्वारा उपलब्ध कराई गई सामग्री पर अभी अपना फैसला नहीं किया है कि जांच जरूरी है या नहीं। लोकपाल पूरे मामले की स्वतंत्र रूप से जांच करेगा और यह निर्णय लेगा कि जांच का आदेश देना है या नहीं। हाई कोर्ट ने कहा कि यह स्थापित तथ्य है कि किसी प्राधिकारी के समक्ष लंबित मामले में अदालत अपने अधिकार क्षेत्र का प्रयोग करते हुए तब तक कोई हस्तक्षेप नहीं कर सकती, जब तक की क्षेत्राधिकार की कमी का मामला न हो।

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