नयी दिल्ली। PF अकाउंट के नाम पर बड़े फर्जीवाड़े का खुलासा हुआ है। CBI ने इस मामले में एक ठग को गिरफ्तार किया है। जानकारी के मुताबिक भविष्य निधि (ईपीएफ) के 11 मेंबर्स के साथ ठगी हुई है. इनके 39 फर्जी क्लेम किए गए और 1.83 करोड़ रुपये की हेराफेरी की गई। ये पूरा गिरोह कथित तौर पर ऐसे व्यक्तियों को निशाना बनाता था, जिनके आधार कार्ड उनके पीएफ खातों से लिंक नहीं थे।

पिछले दिनों इस मामले को लेकर सीबीआई ने बिहार, झारखंड और दिल्ली में स्थित प्रियांशु कुमार और आठ अन्य के परिसरों की तलाशी ली गई, जिसमें विभिन्न आपत्तिजनक दस्तावेज, मोबाइल फोन, एटीएम कार्ड, चेकबुक और पासबुक आदि बरामद हुए। इस मामले में एक जालसाज को गिरफ्तार किया गया है। आरोपी पीएफ के लिए ऑनलाइन क्लेम करते थे और फिर आधार कार्ड का डेटा बदलकर पैसा निकाल लेते थे।

सीबीआई के मुताबिक, इस पूरे घटनाक्रम का मास्टरमाइंड प्रियांशु कुमार है, जो दिल्ली में रहता है। उसने कथित तौर पर अपने गिरोह की मदद से धोखाधड़ी की साजिश रची। ये पूरा गिरोह कथित तौर पर ऐसे व्यक्तियों को निशाना बनाता था, जिनके आधार कार्ड उनके पीएफ खातों से लिंक नहीं थे। कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (EPFO) की शिकायत पर सात प्रतिष्ठानों और अज्ञात व्यक्तियों के खिलाफ केस दर्ज किया था। आरोप था कि वास्तविक लाभार्थियों के पीएफ खातों से अवैध रूप से पैसे निकाले गए हैं।

जानकारी के मुताबिक इस गैंग ने नागपुर, औरंगाबाद, पटना, रांची जैसे विभिन्न शहरों में प्रतिष्ठानों को पंजीकृत कराया, जिसमें पीएफ कवरेज बिना किसी मैनुअल सत्यापन के ऑनलाइन लिया गया था। इन प्रतिष्ठानों से जुड़ी विशिष्ट खाता संख्या (यूएएन) कुल अंशदायी खातों की तुलना में बहुत ज्यादा थी।इस ठगी गैंग ने कथित रूप से अपने प्रतिष्ठानों में वास्तविक कर्मचारियों के UAN रजिस्टर्ड किए और उन्हें केवल एक दिन के लिए अपने कर्मचारियों के रूप में दिखाया।

शुरुआती जांच से पता चला है कि यूएएन वाले वास्तविक कर्मचारियों ने कभी भी इन फर्जी नियोक्ताओं के साथ काम नहीं किया, लेकिन कर्मचारियों को दिनभर की सेवा दिखाकर इस गिरोह को अपने KYC डिटेल बदलने की सुविधा दी गई।

सीबीआई ने कहा कि अपने प्रतिष्ठानों में यूएएन नंबर दर्ज करने के बाद गिरोह ने या तो समान नाम वाले लोगों को वास्तविक कर्मचारियों के रूप में पाया या समान नाम वाले व्यक्तियों के आधार डेटा को बदल दिया. जालसाजों ने मौजूदा आधार कार्ड को अपडेट करने के लिए जाली दस्तावेज जमा करके समान नाम, जन्म तिथि और लिंग के साथ एक आधार कार्ड हासिल किया। मास्टरमाइंड प्रियांशु कुमार ने ‘बदले हुए आधार कार्ड’ को पंजीकृत किया और इसे संबंधित प्रतिष्ठानों से जोड़ा. धोखाधड़ी करने वाले वास्तविक पीएफ सदस्यों की ओर से कई ऑनलाइन दावे दाखिल करते और धोखाधड़ी से पीएफ फंड निकाल लेते थे।

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