झारखंड के कर्मचारियों की बड़ी खबर: बिना परीक्षा पास किये दिया इंक्रीमेंट तो नपेंगे अधिकारी, रिकवरी के साथ-साथ होगी कड़ी कार्रवाई, पढ़ें आदेश

Jharkhand News: कर्मचारियों को लेकर हेमंत सरकार ने कड़ा निर्देश जारी किया है। राज्य सरकार ने निर्देश जारी किया है, जिन कर्मचारियों ने “हिंदी परीक्षा” पास किये बिना इंक्रीमेंट या पेंशन लाभ लिया है, उनका रिकवरी अधिकारियों से की जायेगी। इसे लेकर झारखंड सरकार के संयुक्त सचिव पकंज कुमार सिंह ने सभी अपर मुख्य सचिव, प्रधान सचिव, आयुक्त व विभागाध्यक्ष के अलावे उपायुक्तों को पत्र जारी कर दिया है।

बिना परीक्षा पास किये इंक्रीमेंट नहीं

दरअसल हेमंत सरकार ने चतुर्थ श्रेणी के कर्मचारियों को छोड़कर अन्य श्रेणी के कर्मचारियों के लिए हिंन्दी परीक्षा उत्तीर्ण होना पहले से ही अनिवार्य कर रखा है। इस परीक्षा का मकसद कर्मचारियों की हिंदी भाषा पर पकड़ और विभागीय कार्यों में इस्तेमाल होने वाले शब्दावली की जानकारी कराना है.। विभागीय कार्यों को संपादित करने के लिए ये महत्वपूर्ण भी है, लिहाजा सरकार ने तय कर रखा है कि जो भी कर्मचारी इस परीक्षा को पास नहीं करेगा, उन्हें ना तो इक्रीमेंट मिलेगा और ना ही अन्य सुविधाएं दी जायेगी।

वेतन का किया जायेगा पुनर्निधारण

सरकार ने कड़ा पत्र जारी कर कहा है कि परीक्षा उत्तीर्ण हुए बिना ही वार्षिक वेतन वृद्धि अगर दी गयी है, तो उसे अनियमित माना जाये। यही नहीं अगर किसी मामले में बिना परीक्षा पास किये ही वेतन वृद्धि दे दी गयी है और रिटायरमेंट के बाद ये मालूम होता है कि दिया गया इंक्रीमेंट अनियमित था, तो पेंशन की गणना के लिए भूल सुधार करते हुए वेतन का पुनर्निधारण किया जायेगा। यानि बिना वेतन वृद्धि के जो वेतनमान तय होता है, उसके आधार पर ही पेंशन की गणना की जाये।

कार्यालय प्रधान को जारी हुआ निर्देश

राज्य सरकार ने सभी कार्यालय प्रधान को निर्देश दिया है कि वो अपने कार्यालय के कर्मचारियों की सेवा पुस्तिका की जांच कर प्रमाण पत्र अंकित कर देंगे कि सेवापुस्तिका की जांच की गयी है। तथा स्वीकृत वेतनवृद्धि एवं निर्धारित वेतन नियमों में एवं सरकारी निर्णयों के आलोक में है। अगर अनियमितता मिलती है तो वेतन निर्धारण को सत्यापित करने वाले लेखा पदाधिकारी दोषी माने जायेंगे।

अधिकारियों पर गिरेगी गाज

यही नहीं अनियमित रूप से नियम के विरुद्ध वेतनवृद्धि की स्वीकृति, वेतन निर्धारण से जितनी अधिक राशि का भुगतान होता है उसकी वसूली कार्यालय प्रधान व स्वीकृत देने वाले पदाधिकारी से की जायेगी। यही नहीं गलत तरीके से इंक्रीमेंट कर वेतन निर्धारण करने वाले लेखा पदाधिकारी के खिलाफ कठोर अनुशासनिक कार्रवा की जायेगी।

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