बड़ी खबर: एक्सीडेंट में घायल की जान बचाने वाले को सरकार देगी 25000 रुपये का ईनाम, ट्रैफिक नियम तोड़ने वाले सूचना देने वाले को मिलेगा कमीशन…

Big news: The government will give a reward of Rs 25,000 to the person who saves the life of an injured person in an accident, the person who gives information about breaking traffic rules will get commission...

New Rule: सड़क हादसे में घायल की जान बचाने वालों को सरकार ईनाम में बड़ी राशि देगी। केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय सड़क हादसों में घायल होने वालों को समय पर अस्पताल पहुंचाने वालों की प्रोत्साहन राशि पांच हजार रुपये बढ़ाकर पच्चीस हजार करने जा रही है। इसके साथ ही कमीशन पर ऐसे जागरूक जन भी तैयार करने की तैयारी है, जो सड़क पर गलत तरीके से खड़े वाहनों की जानकारी तुरंत यातायात पुलिस तक पहुंचाएंगे।

 

 

दरअसल देश में अच्छे हाईवे और एक्सप्रेसवे के बढ़ते नेटवर्क के साथ सरकार की चिंता यह भी है कि सड़क हादसों की रफ्तार भी बढ़ती जा रही है। प्रतिवर्ष सड़क हादसों में होने वाले मृत्यु का आंकड़ा बढ़ते देख सरकार अब सड़क सुरक्षा सुरक्षा, जागरूकता और सख्ती के नए जतन आजमाने जा रही है। केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने बताया कि वर्तमान में दुखद औसत आंकड़ा यह है कि हर दिन 474 लोग सड़क हादसों में जान गंवा रहे हैं।

 

 

गडकरी ने बताया कि रोड सेफ्टी को लेकर लोगों को जागरूक किया जाएगा। इसके लिए एक गाना भी लॉन्च होगा. स्कूलों में बच्चों को भी रोड सेफ्टी के बारे में बताया जाएगा। ड्राइविंग लाइसेंस मिलना अगर सबसे आसान किसी देश में है तो वो हिंदुस्तान में है। हमें इसे लेकर सीरियस बनना होगा. कानून के प्रति डर और सम्मान के प्रति लोगों को जागरूक होना पड़ेगा।

 

फाइन की जगह पेनाल्टी की व्यवस्था

नितिन गडकरी ने कहा है कि हमारी ओर से एनफोर्समेंट में भी सुधार किए गए. हमने फाइन बढ़ा दी, पेनल्टी लगा दी. इसमें सुझाव आया है कि फाइन की जगह केवल पेनाल्टी रखा जाए. इसलिए क्योंकि फाइन कोर्ट में जाता है जबकि पेनाल्टी नहीं जाती है. इसलिए लोगों की राय है कि पेनाल्टी रखी जाए जिससे लोग उसे भरकर खाली हो जाए. कोर्ट जाने की जरूरत न पड़े. हालांकि, पेनल्टी भी बढ़ाई गई. हादसे को देखते हुए हमने गाड़ियों में पीछे की बेल्ट और हेलमेट की अनिवार्यता की है।

गडकरी ने आगे कहा कि बच्चों के लिए भी सुझाव आए हैं कि कार में उसके लिए बेबी सीट का इस्तेमाल किया जाए, इस बारे में भी सोच रहे हैं, लेकिन हमें यह भी सोचना पड़ रहा है कि हमारा देश आर्थिक दृष्टि से अमेरिका और यूरोप जितना समृद्ध नहीं है. इसलिए उसके लिए चार्ज कितना रखना है इस पर विचार करना जरूरी है।

 

रोड एक्सीडेंट में होने वाली मौतें कोविड, किसी दंग या युद्ध में होने वाली मौतों से भी अधिक हैं। उन्होंने बताया कि वर्ष 2024 में सड़क हादसों में एक लाख 80 हजार लोगों की जान गई, जिनमें से 66 प्रतिशत लोगों की आयु 18 से 34 वर्ष थी। साथ ही केंद्रीय मंत्री ने यह भी बताया कि पचास हजार लोग ऐसे थे, जिन्हें यदि समय पर अस्पताल पहुंचा दिया जाता तो उनकी जान नहीं जाती।

 

सड़क हादसों के घायलों को अस्पताल पहुंचाने वालों को अभी सरकार की ओर से पांच हजार रुपये प्रोत्साहन राशि दी जाती है, लेकिन हाल ही में बैठक में उन्होंने अधिकारियों से कहा है कि इस राशि को बढ़ाकर 25 हजार रुपये कर दिया जाए।इसके साथ ही केंद्रीय मंत्री ने बताया कि हम ऐसी व्यवस्था पर विचार कर रहे हैं कि यदि कोई गलत ढंग से सड़क पर खड़े वाहन का फोटो नंबर सहित भेजेगा और उस वाहन का चालाना हो जाएगा तो चालान की राशि का दस प्रतिशत रुपया कमीशन के रूप में सूचना देने वाले व्यक्ति को मिलेगा। इससे लोग सक्रिय और जागरूक होंगे।

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