जिपलाइन पर थी जान…..7 मिनट ने बचा ली जिंदगी ….पहलगाम हमले का चौंकाने वाला Video viral…www.hpbl.co.in पर देखें

पहलगाम हमले का एक नया वीडियो सामने आया है, जिसमेंदेखा जा सकताहै कि बैसरन घाटी में पर्यटक आनंद ले रहे हैं. एक पर्यटक जिपलाइन पर जा रहा है तभी अचानक गोलियों की चलने की आवाज आती है.हालांकि सभी पर्यटक फायरिंग से अनजान रहते हैं और मौज-मस्ती के मूड में हैं. 38 सेकंड के इस वीडियो में दो बार गोली चलने की आवाज आती है. लेकिन पर्यटकों को इसका अंदाजा नहीं होता.
गौरतलब है कि 22 अप्रैल को पहलगाम के बैसरन में हुए आतंकी हमले में 26 पर्यटकों की जान चली गई थी. इस घटना के बाद देशभर में पाकिस्तान के प्रति उबाल है. इस हमले की जांच का जिम्मा NIA को सौंपा गया है.बता दें कि सोमवार को आतंकी हमले का एक और वीडियो सामने आया था जिसमें एक पर्यटक ने घटनास्थल का आंखो देखा हाल बताया है. दरअसल, जिपलाइन पर जाते हुए शख्स द्वारा वीडियो रिकॉर्ड किया गया. चश्मदीद ऋषि ने घटना का वीडियो रिकॉर्ड किया था, उन्होंने आजतक को बताया कि पहले उन्हें गोलियों की आवाज का अंदाज़ा नहीं था और करीब 20 सेकंड बाद उन्हें समझ आया कि नीचे फायरिंग हो रही है. उन्होंने बताया कि आतंकी पुरुषों से उनका धर्म पूछकर उन्हें गोली मार रहे थे. वहीं, गोलीबारी के दौरान जिपलाइन ऑपरेटर ‘अल्लाह हू अकबर’ के नारे लगा रहा था.
ऋषि भट्ट ने अपनी आंखों देखी बताते हुए कहा, जब हमलोग जिपलाइन पर पहुंचे, वहां माहौल बिल्कुल ठीक था, लेकिन जैसे ही मैंने जिपलाइन स्टार्ट की तो 1 बजकर 28 मिनट के आसपास गोलीबारी शुरू हो गई. उन्होंने दावा किया कि आतंकियों ने करीब 20 मिनट तक गोलीबारी की. जब मैं नीचे पहुंचा तो देखा कि आतंकियों ने दो लोगों को उनका धर्म पूछकर गोली मार दी. ऋषि ने दावा किया कि उनका तीसरा टारगेट मैं था, लेकिन मेरे जिपलाइन पर जाने के वक्त दो लड़के आए और मुझे से बोले की अंकल हमें जाने दो, तो मैंने पहले उन्हें जिपलाइन पर जाने दिया. सात मिनट के अंतर से मेरी जान बच गई.
ऋषि ने बताया कि जिपलाइन ऑपरेटर की हरकतें उन्हें संदिग्ध लगीं. उन्होंने कहा, ‘मुझसे पहले 9 लोगों ने जिपलाइन की और तब तक वो आदमी बिल्कुल सामान्य था. लेकिन वीडियो में पीछे एक शख्स नीचे बैठा हुआ दिख रहा है, जो उर्दू की कोई किताब पढ़ रहा था. मुझे शक है कि वो व्यक्ति आतंकियों से मिला हुआ हो सकता है.’ गौरतलब है कि यह वीडियो सामने आने के बाद जिपलाइन ऑपरेटर जांच एजेंसियों की निगरानी में आ गया है और उसकी भूमिका की जांच की जा रही है.