झारखंड: कर्मचारी अपनी मांगों पर हो रहे मुखर, वेतन विसंगति, ग्रेड पे सहित इन मांगों के निराकरण की मांग, राज्य सरकार पर अनदेखी का आरोप

Jharkhand: Employees are becoming vocal on their demands, demanding resolution of these demands including salary discrepancy, grade pay, state government accused of ignoring them

Jharkhand News : झारखंड के कर्मचारी अब अपनी मांगों को लेकर लामबंद होने लगे हैं। कर्मचारी संगठन ने मांग की है, अगर उनकी मांगों पर विचार नहीं किया, तो उन्हें मजबूरन आंदोलन की राह अपनानी होगी। इससे पहले झारखंड राज्य अराजपत्रित कर्मचारी महासंघ की जमशेदपुर में एक बैठक हुई।

 

संगठन ने राज्य सरकार से मांग की है कि वह 7वें वेतन आयोग की विसंगतियों को तत्काल दूर करे और पंचायत सचिव, लिपिक, राजस्व उप निरीक्षक समेत अन्य संवर्गों का ग्रेड-पे 2400 रुपये तय करें। सिदगोड़ा स्थित भगवान बिरसा मुंडा टाउन हाल में आयोजित महासंघ के छठे राज्य सम्मेलन में प्रमुखता से उठाई गई।

 

संघ ने कहा कि केंद्र न तो कर्मचारियों की बात सुन रही है और न ही महंगाई के अनुरूप वेतन में समुचित वृद्धि कर रही है। उन्होंने राज्य सरकार से अपील की कि वह कर्मचारियों के हित में जल्द निर्णय लें। सम्मेलन में अखिल भारतीय केंद्रीय कर्मचारी संघ के महासचिव एनएस पिल्लई ने उद्घाटन भाषण देते हुए केंद्र सरकार की नीतियों को मजदूर और कर्मचारी विरोधी बताया।

 

महासंघ के प्रदेश महामंत्री अशोक कुमार सिंह नयन ने प्रतिवेदन प्रस्तुत करते हुए बताया कि पिछले छह वर्षों में संगठन ने राज्य भर में कर्मचारियों की समस्याओं को लगातार उठाया है।उन्होंने कहा कि पंचायत सचिव, लिपिक और अन्य श्रेणियों में कार्यरत कर्मचारियों को आज भी न्याय नहीं मिल पाया है। महासंघ ने यह भी मांग किया कि केंद्र सरकार जल्द 8वें वेतन आयोग के कार्य निर्देश घोषित करें।

 

इसके साथ ही, उसमें कर्मचारी संगठनों से राय लें। साथ ही 18 माह से लंबित महंगाई भत्ता व राहत की तत्काल भुगतान की भी मांग की गई।राज्य सम्मेलन में बतौर मुख्य अतिथि पहुंचे झारखंड इंटक के प्रदेश अध्यक्ष राकेश्वर पांडे ने संगठन की मांगों का समर्थन करते हुए कहा कि इंटक राज्य के कर्मचारियों की लड़ाई में उनके साथ है और उनकी हर जायज मांग को सरकार तक पहुंचाने का प्रयास करेगा।

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