पटना। बिहार में 1.70 लाख शिक्षक भर्ती की परीक्षा खत्म हो गयी है। अब परीक्षार्थी रिजल्ट और नियुक्ति का इंतजार कर रहे हैं। परीक्षा के दौरान कई मुन्ना भाई भी पकड़ में आये हैं। तीन दिनों की परीक्षा में 43 फर्जी अभ्यर्थियों की पहचान हुई। इनमें ऐसे 16 के खिलाफ कार्रवाई की गई, जिनका बायोमीट्रिक डेटा पूरी तरह से बेमेल पाया गया।

मुजफ्फरपुर में एक परीक्षार्थी रामेश्वर कालेज केंद्र से पकड़ा गया। आयोग के अध्यक्ष अतुल प्रसाद ने बताया कि आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस की मदद से एक ऐसे अभ्यर्थी की पहचान हुई, जिसने पहले दिन सिवान में दूसरे अभ्यर्थी के बदले परीक्षा में शामिल हुआ। दूसरे दिन शुक्रवार को एक अन्य व्यक्ति के बदले पटना के एक परीक्षा केंद्र में शामिल हुआ। अब उन दोनों अभ्यर्थियों के खिलाफ कार्रवाई होगी।

इस बार परीक्षा में सुरक्षा काफी पुख्ता थी। परीक्षा में तीन स्तर पर सुरक्षा प्रणाली लागू की गयी थी। इसमें कमांड कंट्रोल सेंटर पर लाइव सीसीटीवी निगरानी के अतिरिक्त बायोमीट्रिक जांच की व्यवस्था की गई।साथ ही प्रवेश पत्र व ओएमआर शीट का अभ्यर्थियों की अंगुलियों के निशान व चेहरे की पहचान के साथ डिजिटल मिलान किया गया।

जानकारी के मुताबिक मिठनपुरा के लाइसियम इंटरनेशनल स्कूल केंद्र से दो परीक्षार्थियों की जगह परीक्षा दे रहे दो अन्य युवक पकड़े गए। रामेश्वर कालेज से पकड़े गए युवक को नगर और लायसियम स्कूल केंद्र से पकड़े गए दोनों युवकों को मिठनपुरा थाने को सौंपा गया।

राज्य में प्राथमिक, माध्यमिक व उच्च माध्यिक शिक्षकों के एक लाख 70 हजार 461 पदों के लिए सभी जिलों में 876 केंद्रों पर परीक्षा आयोजित हुई, जिसमें लगभग आठ लाख अभ्यर्थी शामिल हुए। बता दें कि आयोग पहले से ही स्पष्ट कर चुका है कि इस परीक्षा से नियुक्ति के लिए 70 प्रतिशत से अधिक पदों को भरना है। ऐसे में पूर्व निर्धारित कट-आफ शिथिल भी किया जा सकता है।

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