रांची। झारखंड में सहायक आचार्यों की भर्ती में आरक्षण का पेंच फंस गया है। माना जा रहा है कि नए आरक्षण कोटे के बाद नए सिरे से आरक्षण रोस्टर क्लीयरेंस कराना होगा। राज्य में 25,996 शिक्षकों (सहायक आचार्यों) की नियुक्ति होनी है, लेकिन खबर है कि ईडब्ल्यूएस यानी आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के आरक्षण का मामला इस नियुक्ति को अधर में लटका सकता है।

वर्तमान में झारखंड में राज्य स्तर के पदों पर ही आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के लिए आरक्षण की व्यवस्था है। शिक्षकों की नियुक्ति जिला स्तरीय पदों पर होनी है, ऐसे में नियुक्ति का विज्ञापन निकला तो आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के अभ्यर्थी इससे वंचित रह जाएंगे। इसके लिए शिक्षा विभाग व साक्षरता विभाग ने कार्मिक विभाग से आरक्षण रोस्टर मार्गदर्शन मांगा है। शिक्षा विभाग ने कुछ माह पूर्व जिलों से आरक्षण रोस्टर क्लीयरेंस करवाया था, लेकिन ये रोस्टर पुराने नियम के अनुसार ही भेजा गया था। पुराने रोस्टर क्लीयरेंस के मुताबिक EWS को आरक्षण का लाभ नहीं मिल सकता है, लिहाजा नए सिरे से आरक्षण रोस्टर मंगाना होगा।

अगर मौजूदा स्थिति में आरक्षण रोस्टर लागू किया तो आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के अभ्यर्थियों को इसका लाभ नहीं मिल सकता। EWS अभ्यर्थियों को आरक्षण का लाभ मिले इसके लिए आरक्षण रोस्टर को फिर से क्लियर करवाना होगा। इसके लिए जब तक कार्मिक विभाग की ओर से दिशा निर्देश जारी करना होगा। कार्मिक की तरफ से जब तक आरक्षण रोस्टर क्लीयरेंस संबंधी निर्देश नहीं दिया जाएगा, तब तक यह जिलों से क्लियर नहीं हो सकता।

झारखंड इससे पहले 2015-16 में प्रारंभिक स्कूलों में करीब 18000 शिक्षकों की नियुक्ति कर चुका है। जानकारी के मुताबिक ईडब्ल्यूएस के आरक्षण पर अब सरकार के फैसले के बाद ही कार्मिक विभाग के जरिए झारखंड कर्मचारी चयन आयोग को नियुक्ति की अधियाचना भेजी जाएगी। पहले चरण में 25,996 सहायक आचार्यों की नियुक्ति के लिए 15 नवंबर से पहले विज्ञापन जारी करने की सरकार ने तैयारी की थी, जिसमें प्राथमिक स्कूलों के लिए 11000 और मिडिल स्कूलों के लिए 14,996 शिक्षकों की नियुक्ति होनी थी। वहीं, दूसरे चरण में प्राथमिक शिक्षकों के लिए 9825 और स्कूलों के लिए 12179 सहायकों की नियुक्ति होनी है।

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