जयपुर। 25 लाख के घूस मामले में डीसी के घर पर ACB ने छापा मारा है। राजस्थान में जमीन की हेराफेरी के एक मामले में हुए रिश्वत पर ये कार्रवाई हुई है। राजस्थान की भजनलाल सरकार ने ये कार्रवाई की है। कथित तौर पर 25 लाख रुपए की रिश्वत मांगने के आरोप में दूदू जिला राजस्व अधिकारी (कलेक्टर) और एक ग्राम स्तर के राजस्व अधिकारी के आवास पर राजस्थान भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (ACB) के अधिकारियों ने छापेमारी की है। शिकायतकर्ता ने आरोप लगाया है कि उपायुक्त हनुमान मल ढाका और पटवारी हंसराज ने रिश्वत के रूप में 25 लाख रुपए की मांग की थी। ACB अधिकारियों ने इस शिकायत के आधार पर उपायुक्त के निवास पर छापेमारी की है।

भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो के उप महानिरीक्षक रवि ने कहा कि शिकायतकर्ता ने आरोप लगाया है कि कलेक्टर हनुमान मल ढाका और पटवारी हंसराज ने जमीन हेरफेर मामले में शिकायतकर्ता के खिलाफ कार्रवाई नहीं करने के लिए 25 लाख रुपए की रिश्वत की मांग की थी। शिकायतकर्ता के पास 204 बीघे जमीन है। एसीबी उप महानिरीक्षक रवि ने बताया कि जब शिकायतकर्ता ने बताया कि उसके पास इतनी ज्यादा राशि नहीं है तो उसे आश्वासन दिया गया कि अगर वह 15 लाख रुपये का भुगतान कर सकता है तो कार्रवाई नहीं की जाएगी।
भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (एसीबी) के उप महानिरीक्षक रवि ने एक बयान में कहा कि शिकायतकर्ता ने आरोप लगाया है कि ढाका और हंसराज ने जमीन हेरफेर मामले में उसके खिलाफ कार्रवाई नहीं करने के लिए 25 लाख रुपये की रिश्वत की मांग की थी। उन्होंने बताया कि शिकायतकर्ता के पास 204 बीघे जमीन है।

पूर्व मुख्यमंत्री से ये है कनेक्शन
बता दें कि पिछले साल डीसी हनुमान मल ढाका राजस्थान के पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के संयुक्त सचिव पद पर रहे हैं। कलेक्टर हनुमान मल झुंझुनूं के रहने वाले हैं और वो प्रमोटी आईएएस हैं। एक साल पहले ही उनका आरएएस से आईएएस में प्रमोशन हुआ था।
एसीबी के उप महानिरीक्षक रवि ने कहा कि शिकायतकर्ता ने दावा किया कि जब उसने बताया कि उसके पास मांगी गई राशि नहीं है, तो उसे आश्वासन दिया गया कि अगर वह 15 लाख रुपये का भुगतान कर सकता है तो कोई कार्रवाई नहीं की जाएगी।

एक रिकॉर्डर ने खोल दी थी पोल
शिकायत की जांच की प्रक्रिया में पीड़ित एक रिकॉर्डर पहनकर कलेक्टर से उनके निवास डाक बंगले पर मिला और यह स्पष्ट हो गया कि ढाका ने लगभग 7.5 लाख रुपये की रिश्वत मांगी। एसीबी के अफसरों के मुताबिक कुछ दिनों तक परिवादी रुपयों का इंतजाम करने के प्रयास में लगा था। इसी दौरान उसने एसीबी में शिकायत दर्ज कराई। शिकायत का सत्यापन करने के लिए एसीबी ने रिकॉर्डर देकर उपायुक्त के पास भेजा। इस दौरान कलेक्टर हनुमान मल ढाका ने परिवादी से 7.5 लाख रुपयों की डिमांड की। ये 7.5 लाख रुपए की रकम डाक बंगले स्थित ऑफिस में देने के लिए कहा था। रिकॉर्डर में सेव ऑडियो के आधार पर एसीबी ने शुक्रवार 26 अप्रैल की रात 12 बजे उपायुक्त के सरकारी बंगले पर छापा मारकर कार्रवाई शुरू की।

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