झारखंड का स्कूल बना अखाड़ा, छात्रों में होती रही लड़ाई, शिक्षक बने रहे तमाशबीन, छात्रा गंभीर रुप से घायल…
A school in Jharkhand has become a battlefield, with students fighting, teachers merely watching, and a student seriously injured.

देवघर। स्कूल में शिक्षक की एक बड़ी लापरवाही सामने आयी है। शिक्षकों की मौजूदगी में छात्रों के बीच विवाद हो गया। विवाद इतना गहरा हो गया कि एक छात्रा गंभीर रुप से घायल हो गयी। घटना देवघर जिले के सोनारायठाड़ी स्थित उत्क्रमित मध्य विद्यालय की है, जहां एक बार फिर सरकारी शिक्षा व्यवस्था की बदहाल तस्वीर पेश कर रहा है।
इस घटना ने न केवल प्रशासनिक लापरवाही उजागर की है, बल्कि शिक्षकों की जिम्मेदारी और संवेदनशीलता पर भी गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं।स्कूल परिसर में दो छात्रों के बीच मामूली विवाद ने अचानक झगड़े का रूप ले लिया। इसी दौरान एक मासूम छात्रा गंभीर रूप से घायल हो गई और वहीं बेहोश होकर गिर पड़ी।
सबसे चौंकाने वाली बात यह रही कि जब यह घटना घटी, उस समय विद्यालय के शिक्षक अपने कक्ष में बैठकर गप्पें मारने में व्यस्त थे, जबकि बच्चों की निगरानी के लिए कोई उपस्थित नहीं था।जब घायल बच्ची की खबर परिजनों तक पहुंची, तो वे तुरंत विद्यालय पहुंचे। लेकिन वहां जो दृश्य देखने को मिला, उसने सभी को झकझोर कर रख दिया।
विद्यालय प्रशासन ने गेट बंद करा दिया था, ताकि कोई अभिभावक अंदर न जा सके। आरोप है कि जैसे ही शिक्षकों को घटना की भनक लगी, उन्होंने पूरे मामले को छिपाने की कोशिश की।आक्रोशित परिजनों ने विद्यालय की दीवार फांदकर किसी तरह अंदर प्रवेश किया और अपनी घायल बच्ची को खुद उठाकर अस्पताल ले गए।
बच्ची को पहले देवघर सदर अस्पताल ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने उसकी हालत को गंभीर बताते हुए कोलकाता रेफर कर दिया। फिलहाल बच्ची जिंदगी और मौत के बीच संघर्ष कर रही है। प्रत्यक्षदर्शियों के मुताबिक, घटना के कई घंटे बाद तक भी विद्यालय का गेट बंद रहा। कोई भी शिक्षक या प्रभारी प्रधानाध्यापक बाहर नहीं आया, न ही उन्होंने परिजनों या मीडिया को कोई जवाब देने की जरूरत समझी।
स्थानीय लोगों का कहना है कि यह वही सरकारी स्कूल है, जहां गरीब और मजदूर परिवार अपने बच्चों को बेहतर भविष्य के लिए भेजते हैं, लेकिन वहां अब भय, उपेक्षा और उदासीनता का माहौल बन गया है।घटना की जानकारी मिलने पर जिला शिक्षा पदाधिकारी (DEO) विनोद कुमार ने कहा कि “मामले की जांच के लिए प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी को निर्देश दे दिए गए हैं। यदि जांच में किसी शिक्षक या कर्मी की लापरवाही साबित होती है, तो उनके खिलाफ कड़ी अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी।”