रांची । अनुबंध पर कार्यरत कर्मियों की सेवा अवधि जैसे जैसे ज्यादा हो रही है वैसे वैसे कर्मियों ने नियमितीकरण की मांग तेज कर दी। सरकार द्वारा फैसला नहीं लेने पर कर्मियों ने हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया है। मालूम हो की अलग अलग विभागों में कार्यरत अनुबंध कर्मियों की नियमितीकरण से संबंधित अलग अलग कुल 84 याचिका पर हाईकोर्ट में सुनवाई चल रही है।

संविदा पर नियुक्त कर्मियों और दैनिक कर्मियों की ओर से दायर 84 अलग-अलग याचिकाओं की सुनवाई झारखंड हाईकोर्ट में गुरुवार हुई. मामले में प्रार्थी एवं राज्य सरकार की ओर से बहस की गई. अब 4 सितंबर को महाधिवक्ता राजीव रंजन प्रार्थियों की बहस पर राज्य सरकार का पक्ष रखेंगे. मामले की सुनवाई हाईकोर्ट के न्यायमूर्ति डॉ एसएन पाठक की कोर्ट में हुई.

याचिकाकर्ता ने क्या दिया तर्क

याचिकाकर्ताओं में संविदा कर्मी एवं दैनिक कर्मी शामिल है. इनकी ओर से कोर्ट को बताया गया कि वह 10 वर्षों से अधिक समय से संविदा पर या दैनिक कर्मी के रूप में काम करते आ रहे हैं. उनकी ओर से सुप्रीम कोर्ट के कई जजमेंट सहित राज्य सरकार की नियमावली का जिक्र करते हुए कहा गया कि उनकी नियुक्ति नियमित की जानी चाहिए.

अनुबंधकर्मियों का ये भी मानना है की सरकार जन बूझकर अनुबंध पर बहाल कर युवाओं का शोषण कर रही है। जबकि कई बार सरकार अनुबंध कर्मी को नियमित करने की घोषणा भी कर चुकी है। याचिकाकर्ताओं की ओर से अधिवक्ता राधा कृष्ण गुप्ता, अधिवक्ता पिंकी साव, अधिवक्ता सौरभ अरुण, अधिवक्ता अमृतांश वत्स आदि ने पैरवी की.

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