झारखंड हाईकोर्ट ने क्यों दिया शिक्षा सचिव व माध्यमिक निदेशक का वेतन बंद करने का आदेश, शिक्षकों से जुड़े मामले में अब 3 जनवरी को सुनवाई

Why did Jharkhand High Court order to stop the salary of Education Secretary and Secondary Director, now hearing in the case related to teachers on January 3

Jharkhand Highcourt News: सहायक शिक्षक नियुक्ति की अवमानना मामले में हाईकोर्ट ने तीखी नाराजगी जतायी है। कोर्ट ने ने प्रतिवादियों की ओर से दायर आइए याचिकाओं को खारिज करते हुए स्कूली शिक्षा व साक्षरता विभाग के सचिव तथा माध्यमिक शिक्षा निदेशक का वेतन अगले आदेश तक रोकने का निर्देश दिया है। अब इस मामले में सुनवाई नये साल में 3 जनवरी को होगी। इससे पहले अनुमोदन मामले में दायर अवमानना याचिका पर कोर्ट ने सुनवाई की।

कोर्ट ने मौखिक रूप से मामले में कई बार अवसर दिया गया, लेकिन एकल पीठ के आदेश का पालन नहीं किया गया। जिसके बाद कोर्ट ने नाराजगी जताते हुए अधिकारियों के वेतन पर रोक लगा दी। उक्त अधिकारियों का वेतन भुगतान अदालत के आदेश के बाद ही होगा। अगली सुनवाई के दौरान शिक्षा सचिव, माध्यमिक शिक्षा निदेशक व रांची के जिला शिक्षा पदाधिकारी को सशरीर उपस्थित रहने का निर्देश दिया गया है।

अवमानना मामले में सुनवाई जस्टिस संजय प्रसाद की पीठ ने की। डोरंडा उच्च बालिका विद्यालय के दीपक कुमार और रश्मि कुमारी ने हाई कोर्ट में अवमानना याचिका दाखिल की है। सुनवाई के दौरान प्रार्थियों की ओर से अधिवक्ता राजेंद्र कृष्ण ने कोर्ट को बताया कि वर्ष 2008-09 में दोनों प्रार्थियों की नियुक्ति डोरंडा उच्च बालिका विद्यालय में हुई थी। एकल पीठ ने प्रार्थी को सहायक शिक्षक पद पर नियुक्ति का अनुमोदन करने का आदेश दिया था. वहीं, राज्य सरकार की ओर से अदालत को बताया गया कि इस मामले में अपील याचिका दायर कर एकल पीठ के आदेश को चुनौती दी गयी है।

अधिकारियों की ओर से सुनवाई के दौरान सशरीर उपस्थिति से छूट देने की प्रार्थना की गयी थी, जिसे अदालत ने नहीं माना। उल्लेखनीय है कि प्रार्थी श्री डोरंडा बालिका उच्च विद्यालय के सहायक शिक्षक दीपक कुमार ने अवमानना याचिका दायर की है। उन्होंने एकल पीठ के आदेश का अनुपालन कराने की मांग की है। एकल पीठ ने सहायक शिक्षक पद पर उनकी नियुक्ति का अनुमोदन करने का आदेश दिया था।

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