बांदा। नर्स खुद को हृदय रोगी बताकर माफी मांगती रही, लेकिन मंत्री जी नहीं पसीजे…नर्स का गुनाह बस इतना था, कि वो मंत्रीजी के सामने कुर्सी पर ही बैठी रही और खड़ी नहीं हुई। इधर नर्स अपनी गलती पर माफी के लिए गिड़गिड़ाती रही, लेकिन मंत्रीजी नाफरमानी पर बिल्कुल मानने को तैयार नहीं थे, आखिरकार मंत्री को सुकून तब मिला, जब उन्होंने नर्स के खिलाफ कार्रवाई की। नर्स की डिप्टेशन खत्म किया और वेतन रोकने व संविदा नियुक्ति खत्म करने का नोटशीट जारी करवाया। मंत्री के रूख के बीच नर्स की तबीयत बिगड़ गयी।

मामला बांदा के जिला अस्पताल का है। जहां देर रात करीब 10 बजे जल शक्ति राज्यमंत्री रामकेश निषाद अस्पताल में भर्ती एक करीबी को देखने पहुंचे थे। । लौटते वक्त गंछा गांव के संतराम निषाद ने जिला महिला अस्पताल में प्रसव के लिए भर्ती पत्नी अभिलाषा के इलाज में मदद कराने के लिए आग्रह किया तो मंत्री महिला अस्पताल में स्टाफ नर्स के कक्ष में पहुंच गए।

नर्स चंद्रप्रभा इस दौरान ड्यूटी पर थी। मंत्री निषाद ने नर्स चंद्रप्रभा से पूछा, कौन डाक्टर ड्यूटी पर हैं? नर्स ने डाक्टर की जानकारी देने के साथ संतराम से कहा कि उन्होंने मरीज देखा तो है, मगर इस दौरान वह कुर्सी से खड़ी नहीं हुई। मंत्री इस पर आगबबूला हो गए। सीएमओ व सीएमएस को बुलाकर नर्स की सेवा समाप्त करने को कहा।

हालांकि इस दौरान नर्स गिड़गिड़ाते हुए मंत्री से माफी मांगी। नर्स ने कहा, यहां लोग धमकाने के लिए भी आते हैं और खुद को बड़ा ओहदा का बताते हैं, इसलिए उससे गलती हो गयी। दोबारा गलती नहीं होगी, मगर मंत्री तब भी नहीं पसीजे। सीएमएस द्वारा नर्स की संबद्धता खत्म करने, वेतन रोकने और संविदा समाप्ति के लिए स्वास्थ्य समिति को पत्र अग्रसारित किए जाने के बाद ही मंत्री अस्पताल से हटे। इधर नर्स की तबीयत बिगड़ गयी, उसे अस्पताल में भर्ती कराया गया। कुछ लोगों का कहना है कि मंत्री टी शर्ट और जींस पहने हुए थे, इसकी वजह से भी पहचानने में दिक्कत हुई।

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