धनबाद । जिले के तोपचांची के साहूबहियार स्थित सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में प्रसव के कुछ देर बाद ही नवजात की मौत हो गई. परिजनों ने डॉक्टर पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए जमकर हंगामा किया. और मृत नवजात के शव के साथ धरने पर बैठ गए।

क्या है मामला

प्रखंड के तेलोडीह निवासी लखन नापित ने 6 अप्रैल की देर शाम गर्भवती बेटी रूपा देवी को प्रसव के लिए सीएचसी में भर्ती कराया. लखन नापित ने बताया कि रात 12 उसकी बेटी ने बच्चे को जन्म दिया, लेकिन कुछ समय बाद ही बच्चे की मौत हो गई. ऐसा डॉक्टर की लापरवाही से हुआ. नवजात के सिर पर गंभीर चोट के निशान हैं. पुलिस ने नवजात के शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए एसएनएमएमसीएच, धनबाद भेज दिया है.

DMO पहुंचे सीएचसी तोपचांची

हंगामे की सूचना पर सीएचसी पहुंचे जिला मलेरिया पदाधिकारी (डीएमओ) सुनील कुमार ने बताया कि महिला का बीपी काफी बढ़ा हुआ था. वहीं, बच्चे का जन्म समय से पहले ही हो गया था, जिसे देखते हुए बेहतर इलाज के लिए उसे एसएनएमएमसीएच, धनबाद रेफर किया गया था. इसमें डॉक्टर की लापरवाही जैसी बात नहीं दिख रही है. डीएमओ व पुलिस के आश्वासन पर धरना समाप्त हुआ.

मृत नवजात के शव के साथ बैठे धरना पर

गुस्साए परिजन व ग्रामीण 7 अप्रैल की सुबह नवजात के शव के सीएचीसी के सामने धरने पर बैठ गए. वे आरोपित चिकित्सकों की बर्खास्तगी व मुआवजे की मांग कर रहे थे. धरना पर बैठे सांसद प्रतिनिधि सुभाष रावानी व जदयू नेता दीप नारायण सिंह ने कहा कि चिकित्सकों की घोर लापरवाही के कारण बच्चे की जान चली गई. दोषियों के खिलाफ प्रशासन कानूनी कार्रवाई करे. धरना पर बैठने वालों में जिला परिषद 2 के सदस्य विकास कुमार महतो भी थे. बाद में परिजनों ने तोपचांची थाना पहुंचकर घटना की लिखित शिकायत दी. पुलिस ने नवजात के शव को पोस्टमार्टम के लिए एसएनएमएमसीएच, धनबाद भेज दिया.

परिजन का आरोप – बच्ची की मौत पर डॉक्टर ने साधी चुप्पी

स्वजनों को इसकी कोई खबर नहीं थी। वे बच्ची को धनबाद लेकर गए, जहां डॉक्टरों ने बच्ची को देखते ही बता दिया कि उसकी मौत हो चुकी है। इसके बाद रूपा देवी के घरवाले वापस साहूबहियार स्वास्थ्य केंद्र में गए। वहां चिकित्सकों से बच्ची की हालत के बारे में पूछा गया, तो किसी ने कोई जवाब नहीं दिया और ड्यूटी खत्म हो गई है कहकर निकल गए।

चिकित्सक तथा जीएनएम के खिलाफ पैसे मांगने का लगाया आरोप

बच्ची की नानी यानि कि रूपा देवी की मां तारा देवी ने कहा कि गुरुवार की रात सहिया यमुना देवी मेरी गर्भवती बेटी रूपा देवी को लेकर स्वास्थ्य केंद्र पहुंची थी उसके साथ मैं भी आई थी। बेटी के प्रसव के दौरान ऑपरेशन से पहले मुझसे चिकित्सक संध्या तिवारी तथा जीएनएम सोनामणि ने 15 सौ रुपए मांगे। शायद हमने तब पैसे नहीं दिए इसलिए लापरवाही बरती गई जिसके कारण बच्ची की मौत हो गई।

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