रांची। झारखंड के विधायक भले ही हैदराबाद भेजे जा चुके हैं, लेकिन खतरा वहां भी कम नहीं है। JMM और कांग्रेस को वहां भी डर है कि भाजपा कोई खेला ना कर दे। लिहाजा महागठबंधन के विधायकों के पास सुरक्षा का कड़ा घेरा है। 5 फरवरी तक झामुमो और कांग्रेस के विधायकों को कड़ी सुरक्षा में रखा गया है। किसी से भी मिलने की मनाही है, यही नहीं वो रिसोर्ट से बाहर भी नहीं निकलेंगे। हैदराबाद से जो खबरें आयी है, उसके मुताबिक चार पुलिस अफसर के साथ 80 पुलिसकर्मी को वहां तैनात किया गया है।

जानकारी के मुताबिक शहर के बाहरी इलाके में एक रिसॉर्ट में ले जाया गया। झारखंड मुक्ति मोर्चा के नेतृत्व वाले गठबंधन के विधायक रांची से दो चार्टर्ड विमानों से शहर के बेगमपेट हवाई अड्डे पहुंचे थे, जहां कुछ कांग्रेसी नेताओं ने उनका स्वागत किया।झामुमो, कांग्रेस और राष्ट्रीय जनता दल (राजद) से जुड़े विधायकों को बाद में कड़ी सुरक्षा के बीच दो बसों में शमीरपेट के एक रिसॉर्ट में ले जाया गया।

तेलंगाना में सत्तारूढ़ कांग्रेस पार्टी ने झारखंड विधानसभा में शक्ति परीक्षण तक विधायकों के रहने की व्यवस्था की है।विधायकों के हैदराबाद में रहने की व्यवस्था की जिम्मेदारी तेलंगाना के परिवहन मंत्री पोन्नम प्रभाकर को दी गई है। जानकारी के मुताबिक हैदराबाद में विधायकों को एक रिसॉर्ट में ठहराया गया है। जिस ब्लॉक में झारखंड के विधायकों को स्थानांतरित किया गया है, वहां और उसके आसपास लगभग 80 पुलिस अधिकारी तैनात हैं, प्रत्येक विधायक के साथ कम से कम 2 अधिकारी हैं।

आपको बता दें कि गठबंधन ने 43 सदस्यों के समर्थन का दावा किया है जबकि बहुमत का आंकड़ा 41 है। 81 सदस्यीय विधानसभा में झामुमो के 29 विधायक, कांग्रेस के 17, राजद और सीपीआई (एमएल) के पास एक-एक सीट है। वहीं बीजेपी के पास 26, एएसजेयू के पास 3 और निर्दलीय व अन्य के पास 3 विधायक हैं।

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