रांची। शिक्षक अब घर-घर जाकर स्कूली बच्चों को स्कूल आने को कहेंगे। शिक्षा विभाग ने शिक्षकों के लिए हाउस होल्ड सर्वे का निर्देश दिया है। 11 जनवरी से 18 जनवरी तक शिक्षक हाउस होल्ड सर्वे के लिए निकलेंगे। इस 8 दिन में शिक्षक अपने सर्कल में स्कूली बच्चों की पूरी रिपोर्ट तैयार करेंगे। शिक्षक पता करेंगे कि ड्रॉप आउट, कितने बच्चों का दाखिला नहीं हुआ है। दाखिला नहीं हुआ है तो क्यों नहीं हुआ है। बच्चों ने पढ़ाई बीच में क्यों छोड़ी। दाखिले में कोई दिक्कत तो नहीं है। अनियमित बच्चों की संख्या कितनी है। इसी आंकड़े के आधार पर रिपोर्ट तैयार किया जाएगा। आठ दिनों के इस सर्वेक्षण के माध्यम से स्टूडेंट्स रजिस्टर तैयार किया जाएगा। सर्वे के काम में शिक्षकों के साथ-साथ विद्यालय प्रबंध समिति के सदस्यों को भी जोड़ा जाएगा।

इस सर्वे के दायरे में तीन से 18 वर्ष के कितने छात्र-छात्रा हैं, कितने बच्चे स्कूलों में नामांकित हैं और कितने बच्चे अनामांकित हैं या स्कूलों में नामांकित होकर ड्रॉप आउट हो गए हैं, इसकी विस्तृत रिपोर्ट देनी होगी। इसके अलावा कितने बच्चे स्कूल नियमित रूप से आते हैं और कितने अनियमित रहते हैं। स्कूल, संकुल, प्रखंड और जिला स्तर पर प्रक्रिया पूरी करते हुए दो फरवरी तक राज्य मुख्यालय को स्टूडेंट रजिस्टर की रिपोर्ट देनी है। झारखंड शिक्षा परियोजना परिषद ने पूरी प्रक्रिया का शेड्यूल जारी कर दिया है। जेईपीसी की राज्य परियोजना निदेशक किरण कुमारी पासी ने सभी डीईओ-डीएसई को इसके निर्देश दे दिए हैं।

गलत दिया आंकड़ा तो शिक्षकों पर गिरेगी गाज
जानकारी के मुताबिक जिस स्कूल की रिपोर्ट के अनुसार, तीन से लेकर 18 वर्ष का कोई बच्चा अनामांकित या ड्रॉप आउट नहीं है तो उस स्कूल के प्रधानाध्यापक अपने स्कूल को जीरो ड्रॉप आउट विद्यालय घोषित करेंगे। इसके साथ ही उन्हें अपने स्कूल के मुख्य द्वार पर या अगल-बगल में नीले रंग का बड़ा झंडा लगाना होगा। स्कूलों द्वारा दी जाने वाली स्टूडेंट रजिस्टर का वेरिफिकेशन भी प्रखंड स्तर पर किया जाएगा। बीईईओ-बीपीओ पांच-पांच स्कूलों का भ्रमण करेंगे और स्कूलों का सैंपल चेकिंग भी करेंगे। अगर परिवारों का सर्वेक्षण नहीं होने और डाटा गलत होता है तो संबंधित शिक्षक पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी।

हर खबर आप तक सबसे सच्ची और सबसे पक्की पहुंचे। ब्रेकिंग खबरें, फिर चाहे वो राजनीति...