2018 में बेटा मारा गया, अब 2025 में पिता की हत्या… बीच में एक और कत्ल, आखिर कौन है ‘परछाई’ जो इस परिवार को निगल रहा है?

पटना। बिहार के चर्चित उद्योगपति खेमका परिवार की कहानी अब एक खौफनाक मर्डर मिस्ट्री बन चुकी है। शुक्रवार रात गोपाल खेमका की पटना स्थित आवास के बाहर गोली मारकर हत्या कर दी गई। इससे पहले, 2018 में उनके बेटे गुंजन खेमका की वैशाली जिले में हत्या कर दी गई थी। दोनों ही वारदातों की गुत्थी आज तक पूरी तरह सुलझ नहीं सकी है।
तीन कत्ल… लेकिन जवाब अब तक शून्य!
गुंजन खेमका की हत्या के आरोप में एक शख्स को गिरफ्तार किया गया था, लेकिन वह जेल से बाहर आते ही मारा गया। अब, पिता गोपाल खेमका को भी उसी अंदाज में गोली मारी गई — साफ है कि यह कोई साधारण वारदात नहीं।
कैसे हुआ हमला?
शुक्रवार रात, जब गोपाल खेमका क्लब से लौटकर रामगुलाम चौक स्थित आवास पर पहुंचे, तभी स्कूटी सवार शूटर ने उन पर हमला कर दिया। शूटर पहले से ही मौके पर था। उसने पार्किंग में स्कूटी खड़ी की, पैदल कार तक पहुंचा, कमर से पिस्टल निकाल सिर में गोली मारी और फिर स्कूटी लेकर जेपी गोलंबर की ओर फरार हो गया।
पुलिस को शक है कि वारदात में एक लाइनर (सूचना देने वाला) भी शामिल था, जिसने क्लब से निकलने से लेकर गेट पर पहुंचने तक हर गतिविधि की जानकारी दी।
CCTV फुटेज बना जांच की उम्मीद की किरण
शूटर हेलमेट पहने था और उसकी गतिविधियां कैमरे में कैद हुई हैं। पुलिस दो अलग-अलग बिंदुओं से CCTV फुटेज खंगाल रही है — जहां से शूटर गेट के पास पहुंचा और जिस ओर वह भागा।
पुलिस की सुस्ती पर उठे सवाल
खेमका के परिजनों और आसपास के लोगों ने आरोप लगाया कि घटना के काफी देर बाद पुलिस मौके पर पहुंची। एफएसएल (फॉरेंसिक टीम) भी करीब पांच घंटे बाद पहुंची। इस लापरवाही पर सवाल खड़े हो रहे हैं, क्योंकि घटनास्थल से अहम सुराग मिलने की संभावनाएं इसी दौरान ज्यादा होती हैं।
कौन हैं खेमका परिवार?
खेमका परिवार बिहार के नामी उद्योगपतियों में से एक रहा है। बेटे गुंजन खेमका की 2018 में गोली मारकर हत्या हुई थी और अब उनके पिता गोपाल खेमका को भी वही अंजाम मिला। एक के बाद एक तीन हत्याएं होने के बावजूद अब तक यह साफ नहीं हो सका कि आखिर वजह क्या है — व्यावसायिक रंजिश, बदला या कोई पुरानी दुश्मनी?
पुलिस के लिए अग्निपरीक्षा
रेंज आईजी जितेंद्र राणा ने बताया कि केस की जांच के लिए विशेष टीम बनाई गई है और जल्द ही शूटर को गिरफ्तार कर लिया जाएगा। लेकिन अब सबसे बड़ा सवाल यह है — क्या इस बार पुलिस रहस्य की परतों को खोल पाएगी या यह केस भी फाइलों में गुम हो जाएगा?