झारखंड- बड़ा खदान हादसा : चाल धंसने से 4 लोगों की मौत, तीन की हालत गंभीर, पुलिस प्रशासन की टीम मौके पर

Jharkhand- Major mine accident: Four people died due to mine collapse, three in critical condition, police administration team on the spot

Jharkhand News: झारखंड से एक बड़ी खबर आ रही है। रामगढ़ के कुजू ओपी क्षेत्र में शनिवार सुबह बड़ा हादसा हो गया। सीसीएल करमा परियोजना के खुले खदान में चाल धंसने से चार लोगों की मौत हो गई, वहीं इस घटना में तीन लोग घायल हो गये. घायलों का इलाज इलाके के अलग-अलग अस्पतालों में चल रहा है। घटनास्थल पर लोगों की भीड़ जुट गयी है।

 

मृतकों में सुगिया निवासी निर्मल मुंडा (42 वर्ष) पिता स्व सुधन मुंडा, वकील करमाली (55वर्ष ) पिता मानकी करमाली, महुआटुंगरी निवासी इम्तियाज खान उर्फ लालू खान ( 38 वर्ष ) पिता मो यासीन, जोभिया रजरप्पा निवासी रामेश्वर मांझी (35 वर्ष ) पिता बिरसा मांझी शामिल हैं।

 

बता दें कि महुआटुंगरी से सटे परियोजना के खुले खदान में करीब दर्जन भर की संख्या में ग्रामीण कोयले की अवैध खनन को लेकर चार बजे के आसपास गए थे। इस बीच कोयले के अवैध खनन के दौरान एकाएक चाल (मलबा) धंस गया। इस घटना में चार लोगों की दबने से मौत हो गई, जबकि तीन लोग घायल हो गए।

 

वहीं, घायलों में इम्तियाज खान की पत्नी रोजिदा खातून (35 वर्ष ), सरिता देवी (40 वर्ष) पति पचू मांझी और अरुण मांझी (22 वर्ष) शामिल है। इस घटना अरुण की हालत गंभीर बतायी जा रही है। घटना के बाबत सूचना पाकर पहुंचे लोगों ने तीन लोगों को बाहर निकाला और इलाज के लिए अस्पताल ले गए. लेकिन रास्ते में ही उन्होंने दम तोड़ दिया। इधर, मलबे में दबे एक व्यक्ति को जेसीबी और शौवेल मशीन से बाहर निकाला गया।

 

बाबूलाल मरांडी ने जताया दुख

रामगढ़ के करमा प्रोजेक्ट में हुए दर्दनाक हादसे की ख़बर सुनकर मन अत्यंत व्यथित और आक्रोशित है। कोयले की अवैध खदान में हमारे कई श्रमिक भाइयों के दबे होने की आशंका है। मैं ईश्वर से उनकी सलामती की प्रार्थना करता हूँ और शोक संतप्त परिवारों के प्रति अपनी गहरी संवेदना व्यक्त करता हूँ। लेकिन यह कोई हादसा नहीं, यह हत्या है! यह हत्या उस भ्रष्ट और निकम्मी सरकार की लापरवाही से हुई है, जो दिन के उजाले में चल रहे इस अवैध कारोबार से अपनी आँखें मूँदे बैठी है। कब तक झारखंड के गरीब यूँ ही अपनी जान गँवाते रहेंगे? रामगढ़ हो या धनबाद, हज़ारीबाग़ हो या बोकारो, चौतरफ़ा मौत का यह काला कारोबार फल-फूल रहा है और सरकार दावा करती है कि उसे कुछ पता नहीं! हर एक जान की ज़िम्मेदार यह राज्य सरकार है। यह अपराध किसके संरक्षण में हो रहा है, यह किसी से छुपा नहीं है। यह पूरी तरह से पुलिस और सरकारी संरक्षण में हो रहा है। जब राज्य को ही एक अवैध डीजीपी चला रहे हों, तो फिर किससे क्या ही पूछना? सीसीएल ने खदान बंद कर दी, लेकिन सरकार के नाक के नीचे माफिया ने उसे फिर से शुरू कर दिया। यह सरकार की नाकामी नहीं, तो और क्या है? हम इस मामले की उच्चस्तरीय जाँच की माँग करते हैं। यह मौत का सिलसिला अब बंद होना चाहिए। इस सरकार को हर एक जान का हिसाब देना होगा!

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