हरदोई 11 दिसंबर 2022। शादी ना होने की वजह कई हो सकती है… लेकिन शायद ही कभी आने सुना होगा कि मक्खी की वजह से शादी नहीं हो रही है। सुनकर हैरान आप जरूर हो रहे होंगे, लेकिन यही हकीकत है। दरअसल हरदोई के 10 गांव में मक्खियों ने इस तरह कहर ढा रखा है कि 10 गांवों के सैंकड़ों युवाओं की जवानी तबाह हो गयी है। मक्खी की वजह से यहां युवाओं की शादी नहीं हो रही है। हद तो ये है कि जिन युवाओं की शादी हुई भी है, उसकी बीबियां मायके चली गयी है।

कोई भी अपनी लड़की इन गांवों में ब्याहने को तैयार नहीं है। पत्नियों का साफ कहना है कि पति या तो गांव छोड़े या वह घर छोड़ रही हैं। मक्खियों का आतंक ऐसे तो सबसे ज्यादा बढ़ईयनपुरवा गांव में है। 1 साल में गांव से 6 बहुएं अपने मायके चली गई हैं। इस गांव के लड़के लड़कियों की शादी भी नहीं हो रही है। गांव वाले बताते हैं कि इस साल इस गांव में एक भी शादी नहीं हुई है। हालांकि, कुइयां, पट्टी, डही, सलेमपुर, फत्तेपुर, झालपुरवा, नयागांव, देवरिया और एकघरा में रहने वाले लोग भी मक्खियों के आतंक से बेहद परेशान हैं।

गांव वाले कहते हैं कि गांव में इस साल एक भी शादी नहीं हुई। लड़कों के लिए रिश्ते तो कई आएं, लेकिन सब गांव की स्थिति देखकर वापस लौट गए। मक्खियों की वजह से स्थिति इतनी भयावह है कि कोई भी बाप अपनी बेटी को यहां ब्याहने को तैयार नहीं है। लड़कों के साथ साथ लड़कियों की शादी में भी समस्या आ रही है। लोग इस गांव में अब बारात लाने से भी डर रहे हैं। मक्खियों से छुटकारा पाने के लिए गांव के बाहर अनिश्चितकालीन धरने पर बैठ गए हैं। धरने में गांव की महिलाएं भी शामिल हैं, जो सुबह अपना चूल्हा चौका करके दोपहर तक धरना स्थल पर बैठ जाती हैं।

लोगों का कहना है कि मक्खियों ने जीना दुभर कर दिया है। जैसे ही कोई सोने की कोशिश करता है, मक्खियां उनके पास भिन्न भिन्न करने लगती हैं, जिससे नींद टूट जाती है। शादी के लिए रिश्वता नहीं आता, पिछले साल गांव में सात शादियां हुईं, जिनमें 4 लड़कियां और 3 लड़कों की शादी हुई थी, लेकिन इस बार शादी के सीजन में गांव में एक भी शादी अब तक नहीं हुई, क्योंकि मक्खियों के प्रकोप के चलते यहां कोई भी अपनी बेटी की शादी करने के लिए तैयार नहीं है।

गांववालों की मानें तो साल 2014 में यहां एक कमर्शियल लेयर्स फार्म यानि पोल्ट्री फार्म यहां खोली गयी। 2017 में उत्पादन शुरू हो गया, प्रतिदिन डेढ़ लाख मुर्गी के अंडों का उत्पादन होता रहा। फार्म खुलने के कुछ दिन तक सब कुछ ठीक चल रहा था, लेकिन फिर धीरे-धीरे मक्खियों की आबादी बढ़ने लगी तो उन्होंने इस फार्म को लेकर कई बार विरोध प्रदर्शन भी किया, क्योंकि गंदगी की वजह से मक्खियों ने आसपास के कई गांवों में डेरा डाल लिया। शिकायत स्थानीय प्रशासन से की तो उन्होंने प्रदुषण विभाग की जिम्मेदारी बताकर पल्ला झाड़ लिया। परिणाम यह है कि स्थिति पहले जैसे ही है।

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