हाईकोर्ट का बड़ा फैसला : सिर्फ D. Pharma वाले ही अब बन सकेंगे फार्मासिस्ट, B. Pharma और M. Pharma डिग्रीधारियों को बड़ा झटका

Big decision of the High Court: Only those with D. Pharma can now become pharmacists, a big blow to B. Pharma and M. Pharma degree holders

Highcourt News : बी फार्मा और एम फार्मा वालों के लिए बुरी खबर है। सिर्फ डी फार्मा वाले ही अब फार्मासिस्ट पद पर नौकरी के हकदार होंगे। फार्मासिस्ट पद पर बहाली को लेकर पिछले लंबे समय से चल रहे विवाद पर पटना हाई कोर्ट ने शुक्रवार को अहम फैसला सुनाया।

 

कार्यकारी मुख्य न्यायाधीश आशुतोष कुमार और न्यायाधीश पार्थ सारथी की खंडपीठ ने स्पष्ट कर दिया कि बिहार सरकार द्वारा निर्धारित न्यूनतम शैक्षणिक योग्यता केवल D. Pharma (डिप्लोमा इन फार्मेसी) ही रहेगी। कोर्ट का यह निर्णय उन याचिकाओं पर सुनाया गया जिन्हें B. Pharma और M. Pharma डिग्रीधारकों ने दाखिल किया था।

 

हाईकोर्ट में दायर हुई थी याचिका 

इस मामले को लेकर याचिकाकर्ताओं का तर्क था कि उनकी शैक्षणिक योग्यता D. Pharma से ऊंची है, इसलिए उन्हें आवेदन से वंचित करना असंवैधानिक और अनुचित है। हालांकि कोर्ट ने इस तर्क को खारिज करते हुए कहा कि D. Pharma, B. Pharma और M. Pharma की प्रकृति, उद्देश्य और कार्यक्षेत्र अलग-अलग हैं।

 

कोर्ट ने कहा कि D. Pharma पाठ्यक्रम विशेष रूप से अस्पतालों और दवा वितरण जैसे कार्यों के लिए डिजाइन किया गया है, जबकि B. Pharma और M. Pharma का फोकस औद्योगिक एवं अनुसंधान कार्यों पर होता है। फिलहाल राज्य में फार्मासिस्ट पदों पर बहाली प्रक्रिया चल रही है और इस फैसले से यह स्पष्ट हो गया है कि भविष्य में केवल D. Pharma धारक ही इन पदों के लिए आवेदन कर पाएंगे।

 

 

कोर्ट ने अपने फैसले में क्या कहा?

कोर्ट ने साफ कहा कि जब तक राज्य सरकार अपने नियमों में बदलाव नहीं करती, तब तक केवल D. Pharma की योग्यता ही फार्मासिस्ट पद के लिए वैध मानी जाएगी। B. Pharma और M. Pharma डिग्रीधारक तभी पात्र माने जाएंगे, जब वे D. Pharma की न्यूनतम योग्यता भी रखते हों।

 

कोर्ट ने यह भी माना कि फार्मेसी काउंसिल ऑफ इंडिया (PCI) के 2015 के रेगुलेशन में D. Pharma और B. Pharma दोनों को मान्यता दी गई है। परंतु, राज्य सरकार को यह अधिकार है कि वह अपने अधीनस्थ पदों के लिए आवश्यकता अनुसार न्यूनतम योग्यता तय करे।

 

फैसले का होगा बड़ा असर

इस निर्णय से राज्य भर में हजारों B. Pharma और M. Pharma डिग्रीधारकों को बड़ा झटका लगा है, जो लंबे समय से इस मामले को लेकर अदालत का रुख कर रहे थे। दूसरी ओर, D. Pharma किए हुए अभ्यर्थियों के लिए यह निर्णय एक बड़ी राहत बनकर सामने आया है।

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