रांची। शिक्षकों की ड्यूटी अब अन्य कामों में नहीं लगायी जायेगी। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने अधिकारियों के साथ हाई लेवल मीटिंग में ये सख्त निर्देश दिये हैं। मुख्यमंत्री ने कहा है कि सरकारी स्कूलों के शिक्षकों को छात्रों के पठन-पाठन के अलावा अन्य कार्यों में नहीं लगाया जाएगा। स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता विभाग (Department of School Education & Literacy) की समीक्षा करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि शिक्षक सिर्फ बच्चों को पढ़ाने का कार्य करेंगे। उन्होंने विभाग को इसे लेकर नियमावली भी तैयार करने के निर्देश दिए।

झारखंड एजुकेशन रिफॉर्म की ओर आगे बढ़ रहा है। पहले चरण में 80 स्कूलों को स्कूल ऑफ एक्सीलेंस के रूप में विकसित किया गया है। वहीं सभी वर्ग और समुदाय के लोगों ने शिक्षा के क्षेत्र में की गई इस नई पहल को सराहा है। सीएम ने कहा कि बच्चों ने भी नामांकन में रुचि दिखाई है। अभिभावकों में बच्चों के क्वालिटी एजुकेशन को लेकर राज्य सरकार के प्रति विश्वास जगा है। आपको बता दें कि इससे पहले झारखंड सरकार ने स्टूडेंट्स को बड़ी सौगात दी थी. 2022 में स्टेट टॉपर्स को 3 लाख रुपये का इनाम देने की घोषणा की गई थी।

सोरेन ने कहा कि अक्सर देखा जाता है किसी भी सरकारी व्यवस्था की शुरुआत अच्छी होती है, लेकिन अंत अच्छा नहीं होता। ऐसे में सभी की जिम्मेदारी बनती है कि स्कूल ऑफ एक्सीलेंस के मामले में ऐसा बिल्कुल ना हो। यह सुनिश्चित करें कि यह व्यवस्था ध्वस्त ना हो। इसके अलावा हर जिले की अलग-अलग व्यवस्थाएं एवं क्षमताएं हैं. अभी स्कूल ऑफ एक्सीलेंस में कई और चीजें शामिल होने वाली हैं। ऐसे में उपाय़ुक्तों की जिम्मेदारी की वो अपने-अपने जिलों में इन स्कूलों की मॉनिटरिंग करते रहें। सीएम सोरेन ने सख्त निर्देश देते हुए कहा कि सरकारी स्कूल के शिक्षकों को अन्य किसी काम में नहीं लगाया जाना चाहिए। इसके लिए भी शिक्षा विभाग नियम बनाए।

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