धनबाद लंबे संघर्ष के बाद झारखंड के राज्य कर्मचारियों ने पुरानी पेंशन योजना की जंग जीती और मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने इसे राज्य के कर्मचारियों के लिए कैबिनेट से मुहर लगा कर पुरानी पेंशन लागू करने वाले तीसरे राज्यों में शुमार हो गया। नई पेंशन योजना के अंतर्गत कर्मियों को वित्त विभाग के दिशा निर्देश के अनुरूप पुरानी पेंशन योजना के दायरे में लाने की कवायद जारी है और समय-समय पर वित्त विभाग के दिशा निर्देश के अनुरूप अपडेट किए जा रहे हैं।

यूं तो सरकार के तरफ से NPS से OPS में जाने के लिए कोई राशि निर्धारित नहीं की गई है परंतु स्थानीय कार्यालय में NPS से OPS में बदलने की राशि कम से कम 1000 रुपए निर्धारित है…. जी हां, आपने सही सुना!!!! हम बात कर रहे हैं स्वास्थ्य विभाग की। वित्त विभाग द्वारा सभी DDO कार्यालय को पत्र जारी कर शपथ पत्र और जीपीएफ अकाउंट खोलवाने की जिम्मेवारी दी गई है उसके एवज में कार्यालय के द्वारा कम से कम 1000 रुपए लिए जा रहे हैं,अधिकतम राशि तय नहीं। ये स्थिति कमोवेश सारे विभाग में भी जारी होने की सूचना मिल रही है

विभाग की है जिम्मेवारी

NPS कर्मियों के शपथ पत्र लेने की जिम्मेवारी विभाग की है। क्योंकि जो कर्मी पुरानी पेंशन के तहत जाना चाहते हैं या न्यू पेंशन योजना में ही रहना चाहते हैं, सभी परिस्थिति में कर्मियों से शपथ पत्र लेना आवश्यक है। परंतु माहौल ऐसा तैयार किया जा रहा है जिससे कर्मियों में आपाधापी कि स्थिति बनी हुई है और विभाग के पदाधिकारी मौन हैं।

कर्मियों के लिए न निकाली गई सूचना, न कोई दिशा निर्देश

विभाग में कार्यरत कर्मियों के लिए न तो कोई आदेश निकाला गया ,न ही कोई दिशा निर्देश, जिस कारण कर्मियों में असमंजस की स्थिति हैं, की उनका एनपीएस से ops में स्थानांतरण कब होगा। कर्मी अपना कार्य करते हुए DDO कार्यालय पहुंच रहे हैं। 15 नवंबर अंतिम तिथि होने की वजह से होड़ सी मची है। जिसका फायदा कार्यालय के कर्मी उठा रहे है।

नही किया गया मूल वेतन अपडेट

विभागीय सूत्रों की मानें तो हर माह वेतन प्राप्ति के साथ ही मूल वेतन को कर्मचारी पोर्टल पर अपडेट करना होता है। परंतु कार्यालय द्वारा इसे अपडेट नहीं किया गया है, जिस कारण कर्मचारी अपना विवरणी नही भर पा रहे है। कर्मचारी कार्यालय के ऊपर निर्भर हो रहें है। सूत्रों की मानें तो मूल वेतन अपडेट करने से बहुत सारे कर्मचारी खुद से अपनी विवरणी भर कर जीपीएफ खाता खोलने की प्रक्रिया में शामिल हो सकते थे। परंतु ये सोची समझी साजिश का हिस्सा प्रतीत हो रही है।

तरह तरह की दलील दे रहे कार्यालय कर्मी

एनपीएस से OPS के शपथ पत्र दायर करने और जीपीएफ अकाउंट खुलवाने में पैसे को लेकर कार्यालय कर्मी की दलील भी अलग-अलग है। कार्यालय कर्मी के अनुसार बहुत सारे जगह मैनेज करने की बात कही जा रही है। जिसमें कर्मियों की सुविधा से लेकर, एफिडेफिट, जीपीएफ कार्यालय, कोषागार तक को शामिल किया जा रहा है।

सारे कार्यालय में बना कमाई का जरिया

फिलहाल 15 नवंबर की अंतिम तिथि के मद्देनजर सारे विभागों में 2004 के बाद नियुक्त कर्मियों की एनपीएस से OPS में स्थानांतरण की कारवाई चल रही है। परंतु प्राप्त जानकारी के अनुसार यह गतिविधियां करीब-करीब सारे विभागों में बनी हुई है और कर्मचारी को 15 नवंबर का भय दिखा कर उससे वसूली करने में लगे हुए हैं। आश्चर्य की बात तब है जब ये सारे लेनदेन विभाग के मुख्य पदाधिकारी की नाक के नीचे हो रहे हैं।

क्या कहते हैं संगठन के पदाधिकारी

पुरानी पेंशन की लड़ाई में स्वास्थ्य विभाग के तरफ अहम भागीदारी रखने वाले ऑल झारखंड पारा मेडिकल एसोसिएशन के प्रदेश अध्यक्ष धर्मेंद्र कुमार सिंह से इस बाबत प्रतिक्रिया लेनी चाही तो उन्होंने अनभिज्ञता जाहिर करते हुए कहा की यदि इस तरह की शिकायत आई है तो जरूर पड़ताल की जाएगी। फिलहाल सरकार के निर्देश के अनुरूप NPS से OPS का काम जारी है और उम्मीद है की 15 नवंबर तक सारे कर्मियों का शपथ पत्र दाखिल करा दिया जाएगा। साथ ही ये भी कहा की पैसे लेने देन की शिकायत नहीं होनी चाहिए। यदि ऐसी शिकायत मिली है तो निश्चित रूप से संगठन अपने स्तर पर काम करेगा, ताकि कोई कर्मी को परेशानी न हो।

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