रांची: एलआईसी में देश के करोड़ों लोग निवेश करते हैं. अगर आपने भी LIC का इंश्योरेंस प्लान लिया है और जरूरत पड़ने पर पैसा निकालना चाहते हैं तो पॉलिसी को आसानी से सरेंडर करा सकते हैं। जिंदगी में पैसों की जरूरत किसी भी समय पड़ सकती है ऐसे में हर आदमी अपनी जमा पूंजी के जरिए रुपयों का इंतजाम करता है. इनमें बचत, इंश्योरेंस पॉलिसी और म्यूचुअल फंड जैसी स्कीम शामिल होती है. खास बात है कि सभी इन्वेस्टमेंट प्लान में आंशिक निकासी और सरेंडर करने की सुविधा मिलती है।

हम आपको बताने जा रहे हैं कि आप कैसे अपनी पॉलिसी को समय से पहले सरेंडर कर सकते हैं. एलआईसी पॉलिसी को बीच में बंद करने को पॉलिसी सरेंडर करना कहते हैं. आप एलआईसी की पॉलिसी को कम से कम 3 साल बाद ही सरेंडर कर सकते हैं. अगर 3 साल के पहले आप करते हैं तो आपको कोई पैसा नहीं मिलेगा।

ये है सरेंडर के नियम

पॉलिसी सरेंडर करने पर आपको एलआईसी के नियमों के आधार पर सेरंडर वैल्यू मिलती है. इसका मतलब पॉलिसी बंद करने या एलआईसी से पैस वापस लेने का निर्णय लेते हैं तो आपको जो उसकी वैल्यू के बराबर पैसा वापस मिलता है उसे सरेंडर वैल्यू कहते हैं. अगर आपने पूरे तीन साल एलआईसी का प्रीमियम भरा है तभी आपको सरेंडर वैल्यू मिल पाएगी।

कितना पैसा वापस मिलता है?

ऐसे तो ग्राहकों को पॉलिसी सरेंडर करने पर काफी नुकसान उठाना पड़ता है. मैच्योरिटी से पहले एलआईसी पॉलिसी को सरेंडर करने पर इसकी वैल्यू कम कर दी जाती है. वहीं अगर आपने रेगुलर पॉलिसी ली है और उसे सरेंडर करना चाहते हैं तो आपके वैल्यू का कैलकुलेशन 3 साल तक प्रीमियम का भुगतान किए जाने पर ही किया जाएगा, लेकिन अगर आप तीन साल पहले ही पॉलिसी सरेंडर करते हैं तो कोई वैल्यू नहीं दिया जाएगा।

मिलेगा प्रीमियम का 30 फीसदी

अगर आपने 3 साल तक प्रीमियम भरा है तो सरेंडर वैल्यू के लिए पात्र हैं। उसके बाद आपको भुगतान किए गए प्रीमियम का मात्र 30 फीसदी पैसा मिलता है। लेकिन पहले साल का प्रीमियम छोड़ कर। मतलब आपने पहले साल जो प्रीमियम का पैसा भरा है वो भी जीरो हो जाता है।

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