मोहब्बत की नगरी कही जाने वाली आगरा में बुधवार की शाम दो प्रेमियों का दर्दनाक अंत हो गया। चार वर्ष पहले विवाह बंधन में बंधे पति-पत्नी ने एक साथ फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। उनकी ढाई वर्ष की मासूम बच्ची वहीं पास में ही बैठी चीख रही थी। माता-पिता के अलावा और था भी कौन जो उसे चुप कराता। लेकिन वह भी तो अब इस दुनिया में नहीं थे।

फंदे पर लटक रहे थे ईश्वरी और बबली

मासूम लगातार रोए जा रही थी, वह चुप ही नहीं हो रही थी। बच्ची के रोने पर मां उसे चुप करा लेती थी। आज कोई हलचल नहीं थी। यह बात पड़ोसियों को कुछ खटकी। उन्होंने घर जाकर दरवाजे से झांका तो उनके होश उड़ गए। ईश्वरी और बबली दोनों फंदे से लटक रहे थे।

ईंट-भट्ठा में मजदूरी करता था ईश्वरी

घटना मलपुरा थाना क्षेत्र के धनौली गांव की है। मूलरूप से कागारौल थाना क्षेत्र के इकराम नगर निवासी ईश्वरी (32) अपनी पत्नी बबली (30) और ढाई वर्ष की बेटी लावण्या के साथ यहां रहता था। यहां वह पास के ही एक ईंट-भट्ठा में मजदूरी करता था। कुछ दिन पहले उसकी पत्नी अपने मायके आगरा के ही बोदला गांव गई थी।

एक दिन पहले मायके से लौटी थी पत्नी

एक हफ्ते पहले पति से रूठकर बबली अपने मायके चली गई थी। वह मंगलवार को ही लौटी थी। बुधवार की सुबह ईश्वरी काम पर गया था। दोपहर बाद करीब तीन बजे वह काम से लौटा था। इसके बाद कुछ देर बाद घर में ढाई वर्ष की मासूम लावण्या के तेज आवाज में रोने की आवाज आई। वह मासूम बच्ची भले ही जीने-मरने के अंतर को न समझ सकती हो लेकिन उसकी रोने की आवाज सामान्य से अलग थी। 

पिता बोले-सब कुछ तो ठीक चल रहा था

पड़ोसी बच्ची को उठाकर बाहर ले आए। इसकी सूचना पुलिस को परिजन को दी। सूचना पर ईश्वरी के पिता सुखीराम सहित घर व गांव के अन्य लोग मौके पर पहुंचे। उधर सूचना पर पुलिस भी मौके पर पहुंच गई। पुलिस ने घटनास्थल का निरीक्षण करके जानकारी ली। बेटे और बहू ने आत्महत्या क्यों की इस पर पिता कुछ नहीं बता सके। उन्होंने कहा कि सब कुछ तो ठीक चल रहा था। फिर न जाने ऐसा कदम क्यों उठाया। फिलहाल पुलिस मामले की जांच कर रही है। 

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