How did Mukhtar Ansari become a don? मुख्तार अंसारी को करीब से जानने वाले लोग कहते हैं कि अगर मुख्तार अंसारी डॉन नहीं बनता, तो एक बेहतरीन क्रिकेटर होता। लेकिन क्रिकेट का बेहद जुनूनी मुख्तार अंसारी ने जैसे ही जुर्म की दुनिया में कदम रखा, वो बस अपराध का ही होकर रह गया। मुख्तार अंसारी का परिवार गाजीपुर में राजनीतिक परिवार से वास्ता रखता है। करीब 18 साल से ज्यादा वक्त से जेल में बंद मुख्तार अंसारी के दादा डॉक्टर मुख्तार अहमद अंसारी स्वतंत्रता सेनानी थे। मुख्तार अंसारी भले ही जेल में रहा, लेकिन उसका गैंग हमेशा सक्रिय रहा।

गांधी जी के साथ काम करते हुए वो 1926-27 में कांग्रेस के अध्यक्ष भी रहे। मुख्तार अंसारी के नाना ब्रिगेडियर मोहम्मद उस्मान को 1947 की लड़ाई में शहादत के लिए महावीर चक्र दिया गया था। मुख्तार के पिता सुभानउल्ला अंसारी गाजीपुर में अपनी साफ सुधरी छवि के साथ राजनीति में सक्रिय रहे। भारत के पूर्व उपराष्ट्रपति हामिद अंसारी रिश्ते में मुख़्तार अंसारी के चाचा हैं। वहीं, मुख्तार अंसारी की कहानी विरोधाभासों से भरी पड़ी है।

बताते हैं कि मुख्तार अंसारी क्रिकेट खेलने का शौकीन था. मगर, कॉलेज के जमाने में ही वह साधु सिंह के गैंग में शामिल हो गया. इसके बाद जुर्म की दुनिया में उसने ऐसे कदम बढ़ाए कि फिर लौटना मुश्किल हो गया।
रौबदार मूंछों वाला मुख्तार जीवन के आखिरी पड़ाव पर भले ही व्हील चेयर पर बैठा दिखता रहा हो, लेकिन उत्तर प्रदेश में योगी सरकार आने के पहले मऊ और उसके आसपास के इलाके में मुख्तार अंसारी की तूती बोलती रही. अब अंसारी की ठिकानों को जमींदोज किया जा रहा है, लेकिन कभी एक वक्त था, जब पूरा सूबा मुख्तार से कांपता था।

1996 में मुख्तार पहली बार बना था विधायक

वह बीजेपी को छोड़कर उत्तर प्रदेश की हर बड़ी पार्टी में शामिल रहा. यही वजह रही कि वह 24 साल से लगातार यूपी की विधानसभा पहुंचता रहा. साल 1996 में BSP के टिकट पर जीतकर पहली बार विधानसभा पहुंचने वाले मुख्तार अंसारी ने साल 2002, 2007, 2012 और फिर 2017 में भी मऊ से जीत हासिल की. इनमें से आखिरी 3 चुनाव उसने देश की अलग-अलग जेलों में बंद रहते हुए लड़े और जीते. राजनीति की ढाल ने मुख्तार को जुर्म की दुनिया का सबसे बड़ा चेहरा बना दिया था और हर संगठित अपराध में उसकी जड़ें गहरी होती चली गईं।

योगी सरकार आने के बाद मुख्तार अंसारी के बुरे दिन शुरू हो गए. उस पर उत्तर प्रदेश में 52 केस दर्ज हैं. यूपी सरकार की कोशिश 15 केस में मुख्तार को जल्द सजा दिलाने की थी. योगी सरकार अब तक अंसारी और उसके गैंग की 192 करोड़ रुपये से ज्यादा संपत्तियों को या तो ध्वस्त कर चुकी है या फिर जब्त कर चुकी है. मुख्तार गैंग की अवैध और बेनामी संपत्तियों की लगातार पहचान की जा रही है. मुख्तार गैंग के अब तक 96 अभियुक्त गिरफ्तार किए जा चुके हैं. इनमें से मुख्तार के 75 गुर्गों पर गैंगेस्टर एक्ट में कार्रवाई की जा चुकी है।

मुख्तार के परिवार को जानिये

3 जून 1963 में गाजीपुर जिले के मोहम्दाबाद में जन्में मुख्तार अंसारी के पिता सुबहानउल्लाह अंसारी और मां का नाम बेगम राबिया। यूपी के गाजीपुर जिले अंसारी परिवार की गिनती प्रतिष्ठित राजनीतिक परिवार के रूप में होती थी।

आपको जानकर ताज्जुंब होगा कि मुख्तार अंसारी के दादा डॉक्टर मुख्तार अहमत अंसारी ने देश की आजादी की लड़ाई लड़ी थी। स्वंत्रतता सेनानी दादा कांग्रेस के अध्यक्ष पद पर रहते हुए 1926-27 में महात्मा गांधी के साथ स्वतंत्रता की लड़ाई लड़ी थी।

मुख्तार अंसारी के नाना ब्रिगेडियर थे जिनका नाम मोहम्मद उस्मान था उन्हें 1947 की लड़ाई में शहीद होने पर महावीर चक्र से सम्मानित किया गया था।
मुख्तार अंसारी के पिता सुबहानउल्लाह अंसारी गाजीपुर के जानी मानी और साफ सुथरी छवि वाले राजनेता थे। भारत के पूर्व राष्ट्रंपति हामीद अंसारी मुख्तांर अंसारी के चाचा थे।

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