धनबाद ।चुनावी घोषणापत्र का अनुपालन ना होने के स्थिति में ”वादा पूरा करो हेमंत सरकार, सहायक अध्यापक आपके द्वार” सांगठनिक कार्यक्रम के तहत झारखण्ड सरकार के 4 वर्ष पूरा होने पर झारखंड में -22 वर्षो से कार्यरत सहायक अध्यापकों ने बिहार अथवा झारखण्ड के अल्पसंख्यक विद्यालय के तर्ज पर वेतनमान की मांग को लेकर झारखंड सहायक अध्यापक सहायक संघर्ष मोर्चा के बैंनर तले राज्य भर के विभिन्न विधानसभा क्षेत्र विधायक को मांग पत्र देकर शीतकालीन सत्र मे आवाज उठाने की मांग की गई।


खिजरी विधायक श्री राजेश कश्यप, विधायक रणधीर सिंह, बरही विधायक उमाशंकर अकेला करीपरा विधायक नलिन सोरेन ,टुंडी विधायक श्री मथुरा प्रसाद महतो, झरिया विधायक पुर्णिमा नीरज सिंह, नीरसा विधायक श्रीमति अर्पणा सेन गुप्ता , विधायक राज सिन्हा को मांग पत्र दिया गया ।

सरकार बनने से पूर्व माननीय मुख्यमंत्री श्री हेमन्त सोरेन जी आपके द्वारा भी ”संविदा-संवाद” कार्यक्रम में ये वादा किये थे कि सरकार बनने के साथ ही तीन माह के अंदर ”समान काम के समान वेतन” के तहत पारा शिक्षकों को वेतनमान का तोहफा दिया जाएगा, मगर सरकार बनने के चार वर्ष गुजर जाने के बाद भी वेतनमान सहित अन्य मुद्दों पर सकारात्मक पहल नहीं किए जाने से राज्य भर के सहायक अध्यापकों में निराशा एवं सरकार के खिलाफ आक्रोश व्याप्त है

11 दिसम्बर एवं 14 दिसम्बर 2021 को दिवंगत शिक्षा मंत्री स्व. जगरनाथ महतो जी के अध्यक्षता में माननीय विधायक श्री सुदीव्य कुमार सोनू, एवं अन्य पदाधिकारियों की उपस्थिति में बिहार मॉडल पर वेतनमान के लिए हाई लेबल कमेटी की बैठक हुई जिसमें अधिकारियों के द्वारा आधारहीन पेंच लगाकर पारा शिक्षकों को बिहार के तर्ज पर वेतनमान से वंचित कर दिया गया ।


झारखण्ड में ही अल्पसंख्यक विद्यालय में बिना टेट और अन्य अहर्ता परीक्षा का शिक्षकों की नियुक्ति कर 9300 –34800 का वेतनमान दिया गया वहीं दूसरी तरफ झारखंड के मूलवासी आदिवासी पारा शिक्षक /सहायक अध्यापक जो विगत 20 वर्षों से अपनी सेवा दे रहे हैं उन्हें वेतनमान देने में सरकार एवं अधिकारियों को तकनीकी/ कानूनी परेशानी हो रही है. सरकार की दोहरी नीति और हमलोगों के साथ सौतेला व्यवहार है

ये है प्रमुख मांग

(1) वेतनमान एवं राज्यकर्मी का दर्जा
(2) बिहार राज्य में आकलन
( दक्षता परीक्षा) / सीटेट को टेट के समतुल्य मान्यता देते हुए सभी को वेतनमान एवं ग्रेड पे लागू किया गया है ।

(3) सहायक अध्यापकों के साथ न्याय करते हुए आंगनबाड़ी सेविका/सहायिका की तरह सेवानिवृत्त 60 वर्ष से बढ़ाकर 65 वर्ष किया जाए

(4) 2018 एवं पूर्व की सरकार के समय आंदोलन में सहायक अध्यापकों के ऊपर किए गए केस को तत्काल वापस किया जाए!

5) सूबे में जारी 26000 सहायक आचार्य शिक्षक नियुक्ति प्रक्रिया को तत्काल प्रभाव से स्थगित किया जाए।

. अन्य आंदोलनात्मक कार्यक्रम
(1) विधानसभा के शीतकालीन सत्र के दौरान 19 दिसंबर 2023 को झारखंड के तमाम सहायक अध्यापकों के द्वारा विधानसभा का एक दिवसीय घेराव

(2) 28 दिसंबर 2023 से झारखंड के तमाम सहायक अध्यापकों के द्वारा माननीय मुख्यमंत्री ,झारखंड सरकार के आवास का घेराव ।


विनोद बिहारी महतो संजय दुबे , बिनोद तिवारी ,सिद्दीक् शेख ,प्रदुमन कुमार सिंह,ह्लिषीकेस पाठक विकास कुमार चौधरी, सुमन कुमार, नरोत्तम सिंह मुंडा, निरंजन कुमार डे, सुशील पांडेय, यादव, ,अहमद, नेली लुकस, जया रानी मुख्य रूप से शामिल है।

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