बिहार: पुलिस में अफसरशाही काफी तेजी से फैल रही है।दरअसल, एक वीडियो वायरल हुआ है, जिसमें चार-पांच सिपाही एक पुलिस अधिकारी के पैर हाथ दबाते हुए दिख रहे हैं। बताया जा रहा है कि वह फुलवारीशरीफ के एसडीपीओ मनीष कुमार सिन्हा हैं। साथ ही एक पत्र भी वायरल हुआ है, जो सिपाहियों द्वारा एसएसपी मानवजीत सिंह ढिल्लो को वर्ष 2022 में ही लिखा गया था। इसमें सिपाहियों ने मनीष कुमार पर अपने आवास पर बुलाकर निजी कार्य करवाने का काम करवाने का आरोप लगाया है और एसएसपी से वर्दी की लाज को बचाने की गुहार लगायी है। उस पत्र में सात सिपाहियों- राजकुमार पंडित, गौतम कुमार, सुजीत कुमार आदि के नाम हस्ताक्षर हैं।

यहां देखे विडियो…

वायरल पत्र में लिखा है कि हम छह पुरुष और चार महिला सिपाही कुल 10 पुलिसकर्मी 27 अगस्त, 2022 को पुलिस केंद्र, पटना से आदेश पत्र लेकर फुलवारीशरीफ के एसडीपीओ को योगदान करने के लिए दिया। लेकिन उनके द्वारा हम सभी पुरुष पुलिसकर्मियों को अपने आवास पर बुलाकर विधि- व्यवस्था में ड्यूटी नहीं लगवायी गयी, बल्कि अपने निजी कार्य, यथा पैर दबवाना, पूरे शरीर में तेल लगवाने, कपड़ा साफ करवाने का काम करवाया जाता है। इसके अलावा अन्य बहुत सारे काम करने के लिए आदेशित किया जाता है और नहीं करने पर मारपीट की जाती है और निलंबित करने की धमकी दी जाती हैं। पत्र में लिखा है कि उनके इस प्रकार के अमानवीय कृत से काफी तंग हो चुके हैं और हमलोगों में से एक-दो पुलिसकर्मी डिप्रेशन के भी शिकार हो चुके हैं।

सरकार को भेजी गयी है जांच रिपोर्ट

एसएसपी मीडियाकर्मियों से बातचीत में एसएसपी डॉ मानवजीत सिंह ढिल्लो ने बताया कि यह वीडियो पिछले का है। आवेदन मिलने के बाद मामले की जांच करायी गयी और रिपोर्ट सरकार को भेज दी गयी है। रिपोर्ट गोपनीय है और इसे शेयर नहीं किया जा सकता है।

मेरे पर लगे सारे आरोप गलत है।

एसडीपीओ

फुलवारीशरीफ के एसडीपीओ मनीष कुमार सिन्हा ने बताया कि आरोप लगाने वाले सिपाहियों को निलंबित किया गया है। वेड्यूटी के दौरान रकम की उगाही करते थे। मिथिलेश स्टेडियम में जॉगिंग व दौड़ लगाने के कारण एंकल की नस चढ़ गयी थी घर बुला कर तेल मालिक करवाने, कपड़ा साफ करवाने और हाथपैर दबवाने का आरोप गलत है।

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