देवघर: शिव बारात निकालने के मामले में झारखंड हाईकोर्ट ने सांसद निशिकांत दुबे की याचिका पर फैसला सुनाया है। कोर्ट ने कहा है कि देवघर में परंपरागत रूट से ही शिव बारात निकलेगी। प्रशासन के आदेश को कोर्ट ने सही माना है।

गोड्डा से बीजेपी सांसद निशिकांत दुबे ने हाईकोर्ट में याचिका लगाई थी। जिसमें देवघर जिला प्रशासन की ओर से शिव बारात निकालने को लेकर लगाई गई पाबंदियों को चुनौती दी गई थी।

झारखंड हाईकोर्ट के कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश की खंडपीठ में इस मामले की सुनवाई हुई। दरअसल, देवघर जिला प्रशासन ने शिव बारात के दौरान परंपरागत तौर पर निकलने वाली झांकी में हाथी घोड़ा शामिल नहीं करने, झांकी की अधिकतम ऊंचाई 12 फीट करने और रूट को भी परिवर्तित किया है।

कोर्ट ने कहा है कि महाशिवरात्रि पर निकलने वाले शिव बारात के दौरान प्रशासन की ओर से लगायी गयी धारा 144 आम लोगों पर लागू नहीं होगी। हालांकि, प्रशासन ने जो रूट तय किया है, उसी रूट से शिव बारात निकलेगी। डॉ निशिकांत दुबे के वकील प्रशांत पल्लव ने यह जानकारी दी। उन्होंने बताया कि प्रशासन के पास इंटेलिजेंस इनपुट है कि जिस रूट से शिव बारात निकलती रही है, उस रूट पर कुछ गड़बड़ी हो सकती है। इसलिए रूट में बदलाव किया गया है।

आज से तैनात रहेंगे 2200 से अधिक पुलिसकर्मी

महाशिवरात्रि पर बाबा मंदिर में भक्तों की भारी भीड़ उमड़ने की संभावना है. इसलिए सुरक्षा व्यवस्था के पुख्ता इंतजाम किये गये हैं. भीड़ को नियंत्रित करने व सुलभ जलार्पण के लिए 17 फरवरी को आधी रात के बाद से 19 फरवरी की सुबह तक 2200 से ज्यादा पुलिसकर्मियों की प्रतिनियुक्ति की गयी है. इनमें 250 से अधिक पुलिस पदाधिकारियों के अलावा 1,600 पुरुष लाठी बल व लगभग 200 महिला लाठी बल तैनात रहेंगे. शिवगंगा परिसर के आसपास एनडीआरएफ की टीम भी मुस्तैद रहेगी।

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