नयी दिल्ली। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने 77वें स्वतंत्रता दिवस की पूर्व संध्या पर सशस्त्र बलों और केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बलों (सीएपीएफ) के कर्मियों के लिए चार कीर्ति चक्र (मरणोपरांत) और 11 शौर्य चक्र समेत 76 वीरता पुरस्कारों को स्वीकृति दी है। 11 शौर्य चक्र में से पांच मरणोपरांत हैं। अशोक चक्र के बाद कीर्ति चक्र और शौर्य चक्र भारत के दूसरे और तीसरे सबसे बड़े शांतिकालीन वीरता पुरस्कार हैं।

इनमें चार कीर्ति चक्र (मरणोपरांत), पांच मरणोपरांत सहित 11 शौर्य चक्र, दो बार टू सेना मेडल (वीरता), 52 सेना पदक (वीरता), 3 नौसेना पदक (वीरता) और चार वायु सेना पदक (वीरता) शामिल हैं।”मरणोपरांत कीर्ति चक्र से सम्मानित होने वालों में दिलीप कुमार दास, राज कुमार यादव, बब्लू राभा और संभा रॉय हैं। ये सभी केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल के कर्मी थे।

शौर्य चक्र (मरणोपरांत) प्राप्त करने वाले पांच कर्मियों में सेना के विमानन स्क्वॉड्रन मेजर विकास भांभू और मेजर मुस्तफा बोहरा शामिल हैं; राजपूताना राइफल्स के हवलदार विवेक सिंह तोमर और राष्ट्रीय राइफल्स के राइफलमैन कुलभूषण मंटा को भी यह पुरस्कार प्रदान किया गया है।

मेजर विकास और मुस्तफा को शौर्य चक्र
भारतीय सेना के मेजर विकास भांभू और मुस्तफा बोहरा को राष्ट्रपति ने मरणोपरांत शौर्य चक्र से सम्मानित किया है। अरुणाचल में सेना के दुर्घटनाग्रस्त एएलएच ध्रुव रुद्र हेलिकॉप्टर को दोनों जवान हथियार वाली जगह से दूर ले गए थे। खुले क्षेत्र में उतरने की छूट होने के बावजूद दुर्घटना में दोनों पायलटों की जान चली गई। दोनों के इस साहस के कारण कई लोगों की जिंदगियां बच गईं थी। अरुणाचल प्रदेश में सियांग के लिकाबली से पांच फौजियों को लेकर भारतीय सेना के हेलिकॉप्टचर एचएएल रुद्र ने उड़ान भरी थी। टूटिंग हेडक्वातर्टर से 25 किलोमीटर दूर सियांग जिले के गांव सिंगिंग में एचएएल रुद्र हेलिकॉप्टजर क्रैश हो गया। हादसे में राजस्थारन के मेजर विकास भांभू, मेजर मुस्तथफा बोहरा, रोहिताश्वे कुमार व अश्विरन के वी और बिरेश सिन्हाज शहीद हो गए।

हनुमानगढ़, झुंझुनूं व उदयपुर के फौजी शहीद
अरुणाचल प्रदेश हेलिकॉप्ट र हादसे में शहीद हुए मेजर मुस्तयफा उदयपुर, मेजर विकास भांभू हनुमानगढ़ और रोहिताश्व् कुमार झुंझुनूं के रहने वाले थे। 27 साल के मेजर मुस्त फा तो अविवाहित थे। उनकी सगाई हो चुकी थी। जल्दर ही उदयपुर की फातिमा से निकाह होने वाला था। सिर पर सेहरा सजने से पहले ही मुस्तनफा तिरंगे में लिपटकर घर लौट रहे हैं। वहीं, शहीद रोहिताश्वर एक बेटी के पिता थे। हेलिकॉप्टीर हादसे में शहीद हुए मेजर विकास भांभू हनुमानगढ़ जिले के टिब्बी के रामपुरा गांव के रहने वाले थे। शहीद का पूरा परिवार जयपुर में रहता है। शहीद मेजर विकास अपने माता-पिता के इकलौता बेटा थे। चचेरे भाई अधिवक्ता सुखवीर भांबू ने बताया मेजर विकास भांबू की दो बहनें हैं। दोनों बहनों की शादी हो चुकी है। मेजर विकास की शादी श्रीगंगानगर जिले की सरदारपुरा गांव की श्रेया हुई थी। इनके एक बेटी है। विकास भांबू अपने पैतृक गांव शहादत के कुछ दिन पहले ही आये थे।

11 माह में खो दिए दो फौजी बेटे
अरुणाचल प्रदेश हेलिकॉप्टयर हादसे से दो दिन पहले ही झुंझुनूं जिले के गांव दूड़ियां के बागड़वा परिवार ने अपने दोनों फौजी बेटे महज 11 माह के अंतराल में खो दिए। ताराचंद बांगड़वा के शहीद बेटे जय सिंह का शुक्रवार को उनके गांव दूड़ियां में अंतिम संस्कानर किया गया। जय सिंह के छोटे भाई पिंटू कुमार 30 नवंबर 2021 को शहीद हो गए थे। दोनों भाइयों का बचपन एक साथ बीता। एक साथ ही गांव किठाना की दो सगी बहनों से शादी हुई। शहीद जय सिंह की चिता को उनकी सात साल की बेटी डॉली ने मुखाग्नि दी थी।

शादी से पहले मुस्तफा की हुई थी शहादत
उदयपर के जकीउद्दीन के बेटे मुस्तेफा की सगाई हो चुकी थी। उनकी मंगेतर फातिमा उदयपुर की ही रहने वाली थी। मुस्तोफा के शहीद हो जाने पर मंगेतर का भी रो रोकर बुरा हाल हो गया था। अंतिम वक्त तक बहन व मां को अभी उनके शहीद होने की सूचना नहीं दी गई थी, लेकिन जैसे शव घर पहुंचा, परिवार के लोगों की चित्कार से पूरा इलाका दहल उठा था।

श्रेय तोमर को गैलेंटरी मेडल
विंग कमांडर श्रेय तोमर को वायुसेना के गैलेंटरी मेडल से सम्मानित किया गया है। श्रेय तोमर के लड़ाकू विमान का एक इंजन फेल हो गया था। इसके बावजूद उन्होंने अपने विमान को एक इंजन के साथ ही सुरक्षित लैंड कराया। उन्होंने अपने शौर्य से लोगों की जिंदगी और संपत्ति दोनों की रक्षा की। बता दें कि विकास भांभू के पिता भागीरथ भांभू सीकर के पूर्व सांसद सुभाष महरिया के पीए थे। ऐसे में विकास का बचपन सीकर में बीता। वहीं पर पढ़ाई हुई। साल 2012 में भारतीय सेना में भर्ती हुए थे। 3 साल में विकास आर्मी की फ्लाइंग विंग में शामिल हुए। विकास सर्जिकल स्ट्राइक के दौरान भी आर्मी की स्टैंडबाई टीम में शामिल था।

954 मेडल की भी घोषणा
स्वतंत्रता दिवस 2023 की पूर्व संध्या पर सरकार ने विभिन्न केंद्रीय और राज्य बलों के 954 पुलिस कर्मियों के लिए भी सेवा पदक की घोषणा की है। जम्मू-कश्मीर पुलिस के 55, महाराष्ट्र पुलिस के 33, सीआरपीएफ के 27 और छत्तीसगढ़ पुलिस के 24 जवानों को पदक देने की घोषणा की गई है। हर वर्ष स्वतंत्रता दिवस और गणतंत्र दिवस के मौके पर सरकार की ओर से अदम्य शौर्य दिखाने वाले केंद्र और राज्य सरकार के वीर जवानों को ये सम्मान दिए जाते हैं।

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