गढ़वा। जिले में फिर से मानवता को शर्मसार करने वाली एक घटना सामने आई है। घटना मझिआंव की है. जहां अस्पताल की एएनएम और दाई पर मृत नवजात को कचरे साथ जला देने का आरोप लगा है. मामले के खुलासे के बाद स्वास्थ्य विभाग ने आरोपी एएनएम और दाई के खिलाफ कार्रवाई की बात कह रही है।

पूरे मामले में प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डॉक्टर गोविंद सेठ का कहना है कि नवजात के शव को परिजनों को सौंप देना चाहिए था, यह घटना मानवता को शर्मसार करने वाली है. अधिकारी का कहना है की मामले में जांच की जाएगी और दोषी कर्मियों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी. मधु देवी का ससुराल पलामू के सतबरवा थाना क्षेत्र के लहलहे के इलाके में है. प्रसव के लिए वह अपने मायके मझिआंव गई हुई थी. ड्यूटी पर तैनात एएनएम का कहना है उसे जानकारी नहीं थी कि शव को गोफ में फेंक दिया गया है, एएनएम ने ड्यूटी पर तैनात दाई पर आरोप लगाया है.

क्या है मामला

दरअसल मझिआंव की रहने वाली मधु देवी नामक महिला प्रसव पीड़ा के स्वास्थ्य केंद्र में भर्ती करवाया गया था. मधु देवी ने मृत बच्चे को जन्म दिया. मौके पर मौजूद एएनएम और दाई ने परिजनों को मृत बच्चे ने जन्म लेने की जानकारी दी। परिजन नवजात के शव के अंतिम संस्कार की तैयारी के लिए बाजार समान की खरीदारी करने गए। इसी बीच एएनएम, दाई और अन्य स्वास्थ्य कर्मियों ने नवजात को कचरे के साथ जला दिया.

मधु देवी के परिजनों का कहना है कि स्वास्थ्य केंद्र के बगल में एक गोफ में कचरे को जलाया जा रहा था, इसी गोफ में नवजात के शव को फेंक दिया गया. हमने अपने मृत बच्चे का चेहरा तक नहीं देखा था और शव पूरी तरह जल गया. मामला सामने आने के बाद परिजनों ने हंगामा किया . परिजनों का कहना है कि बगैर जानकारी के मृत बच्चे के शव को गोफ में फेंक कर जला दिया गया , ये काफी दुखद है।

नवजात के शव को अस्पताल में कचरे के साथ जलाया

जिले के मझिआंव सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में पलामू के राजहरा गांव निवासी मनदीप विश्वकर्मा अपनी पत्नी मधु देवी का प्रसव कराने पहुंचा ,जहां नर्स निर्मला कुमारी एवं मंजू कुमारी द्वारा महिला का प्रसव कराया गया, बताया जा रहा है की प्रसव से पहले ही बच्चे की मौत हो चुकी थी। बच्चे की मौत की जानकारी होने के बाद उसकी मां सहित पूरा परिवार जहां एक ओर मर्माहत था,वहीं पुरुष सदस्य उसके अंतिम संस्कार हेतु बाजार से सामग्री की खरीददारी करने गए तो इधर अस्पताल की दाई दौलती देवी द्वारा उस कुकृत्य को अंजाम दे दिया गया। उक्त दाई द्वारा मौका देख कर अस्पताल के कचरा निस्तारण हेतु बनाए गए गड्ढे में जिसमे उस वक्त कचरा जलाया जा रहा था उसी जलते आग में उक्त नवजात के शव को जला दिया गया।

दाई पर लगाया आरोप

दोनो नर्सों का मानना है की बिना उनकी जानकारी में दाई द्वारा ऐसा किया गया है, मालूम हो की विगत पांच वर्ष पूर्व नर्स निर्मला कुमारी द्वारा इसी अस्पताल में काम करने के दौरान एक नाबालिग छात्रा द्वारा नाजायज बच्चे को जन्म देने के बाद प्रसव रजिस्टर में हेरा फेरी करते हुए उक्त बच्चे को अपना बच्चा साबित करने की कोशिश की गई थी,लेकिन सीडब्ल्यूसी के हस्तक्षेप के बाद उसे जेल भी जाना पड़ा था,लगभग दो साल के बाद एक बार फिर से उसे उसी अस्पताल में विभाग द्वारा पदस्थापित किया गया,जहां उसकी मौजूदगी में एक और घिनौने कुकृत्य को अंजाम दिया गया।

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