Sexual Harassment: Job of female professor who accused her fellow professor of sexual harassment reinstated

रांची। सेक्सुअल हैरेसमेंट का आरोप लगानेवाली महिला प्रोफेसर के पक्ष में हाईकोर्ट ने अहम फैसला सुनाया है।साथ ही निचली अदालत के फैसले को रद्द कर दिया है। मालूम हो की महिला प्रोफेसर ने अपने सहकर्मी पर कार्यस्थल पर ही sexual Harrasment का आरोप लगाया था।

इंडियन इंस्टीट्यूट आफ मैनेजमेंट (आईआईएम) रांची के द्वारा नौकरी से हटाये जाने के आदेश को चुनौती देनेवाली याचिका पर झारखंड हाइकोर्ट ने अपना फैसला सुनाया। कोर्ट ने डायरेक्टर एंड डिसीप्लिनरी अथॉरिटी आईआईएम, रांची के द्वारा 16 अक्टूबर 2017 को महिला प्रोफेसर को नौकरी से हटाने के आदेश को रद्द कर दिया.

हाईकोर्ट ने दिया ये आदेश

हाईकोर्ट ने अपने आदेश में महिला प्रोफेसर को बहाल करने का आदेश आईआईएम रांची को दिया है. इसके अलावा हटाये जाने की अवधि के दौरान 50% बैक वेजेज 30 दिनों के भीतर देने का आदेश भी दिया है. निर्धारित समय पर बैक वेजेज नहीं देने पर प्रतिवर्ष 6% ब्याज की दर से भुगतान करना होगा.

क्या है मामला

मालूम हो की IIM (आईआईएम) रांची की महिला प्रोफेसर ने अपने सहकर्मी प्रोफेसर पर वर्क प्लेस में सेक्सुअल हैरेसमेंट का केस गोंदा थाना में 24 जुलाई 2014 को दर्ज कराया था. बाद में पुलिस ने मामले में साक्ष्य नहीं मिलने का हवाला देते हुए महिला प्रोफेसर को बिना नोटिस दिये निचली अदालत में फाइनल फॉर्म दाखिल कर दिया था. इसके बाद निचली अदालत ने उनके केस को उन्हें बिना नोटिस दिये ही बंद कर दिया था.

क्यों किया था नौकरी से बर्खास्त

केस बंद करने के मामले को महिला प्रोफेसर ने हाइकोर्ट में चुनौती दी थी, जिसके बाद यह क्रिमिनल केस फिर खुला. हालांकि इसी दौरान पुलिस द्वारा साक्ष्य नहीं मिलने का हवाला एवं अन्य कारण बताते हुए मेजर मिसकंडक्ट के तहत विभागीय कार्यवाही करते हुए डायरेक्टर और डिसीप्लिनरी अथॉरिटी आईआईएम, रांची ने महिला प्रोफेसर को 16 अक्टूबर 2017 को नौकरी से बर्खास्त कर दिया था।

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