रांची। स्कूलों में छात्रवृति घोटाले की जद में कई स्कूल आ गये हैं। भ्रष्टाचार की बड़ी शिकायत के बाद धनबाद एसीबी की टीम ने 50 स्कूलों को नोटिस भेजकर जवाब मांगा था। 50 स्कूलों में से 30 ने खुद की किसी तरह की गलती से इंकार किया है, हालांकि 20 ने अभी तक अपना जवाब नहीं भेजा है। एसीबी ने वित्तीय वर्ष 2017-18, 2018-19 और 2019-20 के डाटा के आधार पर जांच कर रही है।

दरअसल छात्रवृति घोटाला झारखंड में काफी चर्चित रहा है, जिसमें फर्जी नामों से छात्रवृति निकाली गयी और फिर उसका बंदरवांट किया गया। कमाल की बात ये है कि जिन स्कूलों में बमुश्किल 25-30 छात्र ही पढ़ाई करते हैं, उन स्कूलों में भी 200 से ज्यादा बच्चों का स्टाइपेंड क्लेम किया गया और पैसे निकालकर गबन किया गया। कई स्कूलों के जवाब ने एसीबी को चौका दिया है। कई स्कूलो ने खुद को इस मामले में अनभिज्ञ बताया है। हालांकि जो जवाब दिये गये हैं, उनमें से कई जवाब एसीबी के गले नहीं उतर रहा।

सबसे ज्यादा गड़बड़ी की शिकायत धनबाद जिले में ही देखने मिली थी। सूत्रों के मुताबिक वित्तीय वर्ष 2016-17, 2017-18 और 2019-20 में सिर्फ धनबाद जिला के 550 स्कूलों के 13500 छात्रों के बीच 11.55 करोड़ रूपये की छात्रवृति बांटी गयी थी। अब तक की जांच में संदेह के कई बिंदू नजर आ रहे हैं।

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