जमशेदपुर। 1932 के खतियान को लेकर विधायक सरयू राय ने बड़ा बयान दिया है। 1932 खतियान कोई भी सरकार लागू नहीं कर सकती है। डिमना रोड में मानगो नगर निगम समिति की बैठक में विधायक सरयू राय ने कहा कि 1932 आधारित स्थानीय नीति हवा में बनायी जा रही है। उन्होंने कहा कि, कहा जा रहा है कि जिसके पास 1932 का खतियान नहीं है, वह स्थानीय नहीं है। राज्य में बहुसंख्यक आबादी 80 प्रतिशत है, उनके हित की बात हो, लेकिन 20 प्रतिशत की हकमारी नहीं होनी चाहिए। जो लोग 50 से 70 वर्षों से यहां रह रहे हैं, विभिन्न राज्यों से आकर यहां बसें हैं, उनके हितों की रक्षा करेंगे।

सरयू राय ने कहा कि 2000 के बाद जो यहां रह गया, वह झारखंडी है। जैसे पहले बिहार में झारखंड था, उसी प्रकार झारखंड में भी आज एक बिहार बसता है। 1932 खतियान कोई भी सरकार लागू नहीं कर सकती है। हाइकोर्ट के पांच जजों की बेंच ने विस्तार में इस बात को कहा है।

सरयू राय ने कहा कि सरकार के एक मंत्री अपने परिवार के लाभ के लिए मुख्यमंत्री पर दबाव डालकर संविधान के प्रावधानों के खिलाफ नगर निकायों का चुनाव रोकने की कोशिश कर रहे हैं। 48 नगर निकायों का चुनाव कराने का राज्यपाल से अनुमोदन मिलने के बावजूद साजिश के तहत सरकार ने 48 में से केवल 46 नगर निकायों में ही चुनाव कराने का प्रस्ताव राज्यपाल को भेजा, जिसे अनुमोदन भी मिल चुका है।

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