दुमका संथाल परगना पिछड़ा वर्ग संघर्ष मोर्चा की बैठक परिसदन दुमका में महिला मोर्चा अध्यक्ष प्रिया रक्षित की अध्यक्षता में संपन्न हुई। झारखंड सरकार की पिछड़े वर्गों को नगर निकाय चुनाव में नजरअंदाज किये जाने को लेकर बैठक आहुत की गई। सरकार के द्वारा पिछड़े वर्ग को नजरअंदाज करने पर संथाल परगना पिछड़ा वर्ग संघर्ष मोर्चा के सदस्यों ने रोष प्रकट किया। ज्ञात हो कि पिछड़ा वर्ग को पंचायत चुनाव में भी आरक्षण से वंचित कर दिया गया था।

न्यायालय ने ट्रिपल टेस्ट कराकर चुनाव कराने का आदेश दिया था, परंतु सरकार ने आज तक ट्रिपल टेस्ट नहीं कराया और पुनः नगर निकाय चुनाव में पिछड़े एवं अत्यंत पिछड़ा वर्ग को संवैधानिक आरक्षण से वंचित कर दिया। जबकि झारखंड में पिछड़े एवं अत्यंत पिछड़ा वर्ग की जनसंख्या 52 प्रतिशत से ऊपर है। संघर्ष मोर्चा के द्वारा मांग पत्र के माध्यम से पिछड़े वर्ग को जनसंख्या के अनुपात पर आरक्षण की मांग किया जाता रहा है। एक तरफ सरकार नौकरी में 27 प्रतिशत आरक्षण देने का प्रस्ताव लाया जाता है,वहीं दुसरी ओर अभी तक जिला रोस्टर में संशोधन नहीं किया गया।

वक्ता ने कहा की सरकार यदि पिछड़े वर्ग को आरक्षण देने की बात करती है तो अविलंब जिला रोस्टर में संशोधन कर 27 प्रतिशत आरक्षण को लागू करें।
ज्ञात हो कि दुमका सहित अभी भी सात जिला आरक्षण रोस्टर में शून्य आरक्षण है। पिछले 22 वर्षों से झारखंड में पिछड़े वर्ग अपने संवैधानिक अधिकार से वंचित हैं। पिछड़ा वर्ग संघर्ष मोर्चा ने मांग किया कि यदि सरकार की मंशा पिछड़े वर्ग के आरक्षण के प्रति साफ है तो नगर ईकाई चुनाव में जनसंख्या के अनुपात में आरक्षण देने के साथ साथ बिहार की तर्ज पर झारखंड राज्य में भी सरकार पिछड़े वर्ग की जनगणना कराया जाय।

बैठक में केंद्रीय संरक्षक राधेश्याम वर्मा, उपाध्यक्ष प्रेम केसरी, महासचिव संदीप कुमार जय बमबम, जयप्रकाश यादव, शैलजानंद राय, जिला महासचिव गंगाधर शर्मा एवम अन्य मौजूद थे।

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