रांची। बायोमिट्रिक अटेंडेंस नहीं बनाने वाले शिक्षकों पर पर शिकंजा कसने की विभाग ने पूरी तैयारी कर ली है। स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता विभाग ने सभी शिक्षकों को निर्देश जारी कर स्पष्ट कर दिया है। जब तक बायोमेट्रिक तरीके से अटेंडेंस नहीं बनेगा तब तक वेतन सहित अन्य लाभ नहीं मिलेंगे, यह निर्देश सहायक अध्यापक बन चुके पारा शिक्षकों पर भी लागू किया जाएगा।

जानकारी के मुताबिक प्रदेश में अभी भी करीब 10,000 से ज्यादा ऐसे शिक्षक हैं, जो बायोमेट्रिक उपस्थिति नहीं बना रहे हैं। लिहाजा उन तमाम शिक्षकों पर अब विभाग की तरफ से शिकंजा कसने की तैयारी की जा रही है। विभाग ने जिलों से यह भी जानकारी मांगी है कि शिक्षकों को बायोमेट्रिक अटेंडेंस बनाने में आखिर परेशानी क्या है।शिक्षा विभाग की ओर से बायोमैट्रिक अटेंडेंस को अनिवार्य किया गया है। हालांकि एक विकल्प इ-विद्यावाहिनी का भी दिया गया है। पर यह व्यवस्था विशेष परिस्थिति के लिए तय की गयी है।


प्रदेश के सरकारी शिक्षक व पारा शिक्षकों की कुल संख्या 1,15,495 हैं। जनवरी के पहले सप्ताह तक इनमें से 1,04,895 शिक्षक ही बायोमीट्रिक हाजिरी बना रहे थे। करीब 10,600 शिक्षक बायोमीट्रिक हाजिरी नहीं बना रहे थे। शिक्षा विभाग ने ऐसे शिक्षकों को रिमाइंडर भेजा था और बायोमीट्रिक हाजिरी नहीं बनाने पर वेतन भुगतान नहीं किये जाने की चेतावनी भी दी थी। बाबजूद बड़ी संख्या में शिक्षक अटेंडेंस नहीं बना रहे हैं।

शिक्षा सचिव के रवि कुमार ने भी स्पष्ट किया था कि जो शिक्षक ई-विद्यावाहिनी पोर्टल पर विशेष परिस्थितियों में उपस्थिति दर्ज करने में असमर्थ हैं, उनकी स्थिति को देखते हुए उनकी मैन्युअल उपस्थिति के आधार पर उनका वेतन भुगतान किया जाएगा। ऐसे शिक्षकों के वेतन भुगतान के लिए DEO व DSE अधिकृत होंगे।

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