रांची । मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन और मंत्री चंपई सोरेन ने छात्र हित की देखते हुई कई फैसले लिए। साइकिल वितरण में हो रहे देरी के बाद ये फैसला लिया गया। मुख्यमंत्री ने आदेश दिया की छात्रावासों का पूर्ण रूप से जीर्णोद्धार होना चाहिए। जो छात्रावास पूरी तरह जर्जर हो चुके हैं, उसे तोड़कर उसी जगह नए छात्रावास का निर्माण हो. छात्रावासों में रसोईया, चौकीदार और बिजली -पानी और शौचालय जैसी सभी मूलभूत सुविधाएं बेहतर तरीके से होनी चाहिए. छात्रावास पूरी तरह चकाचक रहे इसे हर हाल में सुनिश्चित करें.

सीएम ने बुधवार को प्रोजेक्ट भवन में अनुसूचित जनजाति, अनुसूचित जाति, अल्पसंख्यक एवं पिछड़ा वर्ग कल्याण विभाग द्वारा संचालित विभिन्न योजनाओं की समीक्षा के दौरान दी. मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिया कि जो भी योजनाएं चल रही है. उसका लाभ राज्य वासियों को हर हाल में दिलाना सुनिश्चित करें. आदिवासी, दलितों पिछड़ों एवं अल्पसंख्यकों के विकास पर सरकार का विशेष जोर है.

ऐसे में इनके लिए संचालित योजनाएं सुचारू तरीके से संचालित होनी चाहिए. मुख्यमंत्री ने साइकिल वितरण योजना, एकलव्य और आश्रम विद्यालय, छात्रावासों का जीर्णोद्धार, कल्याण अस्पतालों का संचालन और छात्रवृत्ति योजनाओं की विशेष रुप से समीक्षा की. इस मौके पर उन्होंने अधिकारियों से इन योजनाओं की प्रगति की जानकारी ली और कई निर्देश दिए.बैठक में विभागीय मंत्री चंपई सोरेन, मुख्य सचिव सुखदेव सिंह, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव वंदना दादेल, प्रधान सचिव राजीव अरुण एक्का आदिवासी कल्याण आयुक्त लोकेश मिश्रा और अपर सचिव अजय नाथ झा आदि उपस्थित थे.


बैठक में निर्देश दिया की जिलों में जितने छात्रावास अवस्थित है ,उसकी संख्या और वहां रहने वाले विद्यार्थियों की सूची तैयार करें और इन छात्रावासों में विद्यार्थियों के लिए भोजन उपलब्ध कराने के लिए सेंट्रलाइज्ड किचन की व्यवस्था करने संबंधित कार्य योजना बनाएं.
एकलव्य और आश्रम विद्यालय को कस्तूरबा गांधी आवासीय बालिका विद्यालय की तर्ज पर चलाने की दिशा में कार्य योजना तैयार करें. इन विद्यालयों में शिक्षकों और कर्मियों के पदों पर शत प्रतिशत स्थानीय की नियुक्ति हो, इसे सुनिश्चित करें.

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