रांची। राजधानी रांची के एसएसपी ने अपराध पर लगाम नहीं लगा पाने और अनुसंधान को पेंडिंग रखने वाले वाले थानेदार को शोकॉज जारी किया है . साथ ही ये थानेदार घटना के बाद अपराधियों की पहचान कर उनकी गिरफ्तारी और सामान भी बरामदगी में भी दिलचस्पी नहीं दिखा रहे हैं. एसएसपी किशोर कौशल ने राजधानी और आसपास के इलाके के थाना क्षेत्रों में हुई वारदात की समीक्षा के बाद 10 थानेदारों को चिह्नित कर शोकॉज जारी किया है. अगर थानेदारों का जवाब संतोषजनक नहीं पाया जाता है, तो संबंधित थानेदारों के खिलाफ विभागीय जांच और कार्रवाई भी शुरू करने के संकेत दिए हैं.

इन थानेदारों को जारी हुआ शोकॉज

जिन थानेदारों को शोकॉज जारी किया गया है, उनमें नामकुम थानेदार सुनील तिवारी,

पिठोरिया थानेदार अभय सिंह,

मेसरा ओपी प्रभारी सुमति कुमार,

नगड़ी थानेदार ओम प्रकाश,

कांके थानेदार आभास कुमार,

सदर थानेदार श्याम किशोर महतो,

बरियातू थानेदार ज्ञानरंजन कुमार,

रातू थानेदार सपन कुमार महथा,

बेड़े थानेदार मुकेश कुमार और

जगन्नाथपुर थानेदार अरविंद कुमार सिंह शामिल हैं.

इन घटना पर हुई समीक्षा

समीक्षा के दौरान एसएसपी ने पाया कि नामकुम थाना क्षेत्र में घर में चोरी की 11 घटनाओं में सिर्फ एक का ही खुलासा हुआ. पिठोरिया थानेदार ने सीनियर अधिकारियों को लूट की एक घटना की जानकारी तक नहीं दी है. दूसरे दिन अखबार से घटना की जानकारी अधिकारियों को मिली. मेसरा ओपी क्षेत्र में घर में चोरी की 13 घटनाओं में से एक का भी खुलासा नहीं हुआ. नगड़ी थाना क्षेत्र में घर में चोरी की 10 और बाइक चोरी की 16 घटनाओं में एक का भी खुलासा नहीं हुआ. कांके थाना क्षेत्र के रिंग रोड में लूट की तीन घटनाओं में एक में भी अपराधी गिरफ्तार नहीं किया गया. सदर थाना क्षेत्र में छिनतई की छह घटनाओं में से पुलिस एक को भी डिटेक्ट नहीं कर पायी।

बरियातू थाना क्षेत्र में चेन छिनतई की 10 घटनाओं में एक भी डिटेक्ट नहीं हुआ. जबकि, घर में चोरी की छह घटनाओं में एक का ही खुलासा हुआ. उधर, रातू में वाहन चोरी की 44 घटनाओं में छह घटनाओं में ही पुलिस वाहन रिकवर कर पायी. दूसरी ओर, बेड़ो थाना क्षेत्र में घर में चोरी की आठ घटनाओं में एक को भी पुलिस डिटेक्ट नहीं कर सकी. जबकि, जगन्नाथपुर थाना क्षेत्र में वाहन चोरी की 39 घटनाओं में दो केस ही डिटेक्ट हुए. इस कारण मामले को गंभीरता से लेते हुए एसएसपी ने उक्त कार्रवाई की है.साथ ही ये भी स्पष्ट संकेत दिए गए स्पष्टीकरण का जवाब संतोषजनक नहीं मिलने पर विभागीय कारवाई भी की जा सकती है।

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