Raja Raghuvanshi Murder Case: आरोपी राज कुशवाहा की दादी की सदमे में मौत, बोली थीं- “सोनम पति को खा गई, अब इसको भी खाने में लगी है”

फतेहपुर/इंदौर/मेघालय, 18 जून 2025 राजा रघुवंशी हत्याकांड में एक और दर्दनाक मोड़ सामने आया है। मुख्य आरोपी राज कुशवाहा की दादी रामलली देवी का बीती रात सदमे में निधन हो गया। उन्होंने अपने पोते का नाम इस हाई-प्रोफाइल केस में सामने आने के बाद गहरे दुःख और गुस्से में प्रतिक्रिया दी थी।
Raja Raghuvanshi Murder Case: “सोनम पति को खा गई, अब इसे भी खाने में लगी है”
राज कुशवाहा की दादी रामलली, उत्तर प्रदेश के फतेहपुर जिले के रामपुर सुकेती गांव की निवासी थीं। आरोपी पोते का नाम सामने आने के बाद उनका स्वास्थ्य लगातार गिरता गया। परिजनों के अनुसार, वह बार-बार यही कहती रहीं—
“सोनम शादी नहीं करना चाहती थी, वह अपने पति को खा गई और अब मेरे पोते को भी खाने में लगी है।”
Raja Raghuvanshi Murder Case: राज कुशवाहा को बताया निर्दोष
राज कुशवाहा के परिजनों ने दावा किया है कि वह निर्दोष है और इंदौर में अपने पिता के साथ फल मंडी में काम करता था। पिता की मृत्यु के बाद वह सोनम रघुवंशी की फैक्ट्री में नौकरी करने लगा था, यहीं से दोनों की नजदीकियां बढ़ीं।
Raja Raghuvanshi Murder Case: सोनम के मायके पहुंची मेघालय पुलिस
राजा रघुवंशी हत्याकांड की जांच कर रही मेघालय पुलिस की एक टीम बुधवार को इंदौर के गोविंद नगर खारचा इलाके में सोनम के मायके पहुंची। हालांकि, पुलिस के पहुंचने पर घर का दरवाजा बंद कर लिया गया। माना जा रहा है कि पुलिस ने अंदर मौजूद लोगों से पूछताछ की।
Raja Raghuvanshi Murder Case: नार्को टेस्ट की मांग
राजा रघुवंशी के परिजनों ने सोनम रघुवंशी और उसके परिवार के सभी सदस्यों का नार्को टेस्ट कराने की मांग की है। इस पर प्रतिक्रिया देते हुए सोनम के भाई गोविंद ने कहा:
“हमने कोई पाप नहीं किया है। अगर किसी को शक है तो हम जांच के लिए तैयार हैं।”
Raja Raghuvanshi Murder Case: क्या है मामला?
राजा रघुवंशी और सोनम रघुवंशी 23 मई को हनीमून मनाने मेघालय गए थे। उसी दिन राजा रहस्यमय तरीके से लापता हो गए। 2 जून को एक झरने के पास खाई में उनकी लाश मिली। जांच में खुलासा हुआ कि सोनम ने अपने प्रेमी राज कुशवाहा के साथ मिलकर हत्या की साजिश रची थी।
राजा रघुवंशी हत्याकांड की जांच गहराती जा रही है, लेकिन इसी बीच राज कुशवाहा की दादी की मौत इस पूरे घटनाक्रम को और भावनात्मक रूप से झकझोरने वाली बना देती है। जांच एजेंसियों के लिए यह केस अब सामाजिक और पारिवारिक दबावों के बीच संतुलन साधने की एक बड़ी चुनौती बन गया है।