Delhi Classroom Scam: दिल्ली में ईडी का एक्शन, 37 ठिकानों पर छापेमारी, AAP सरकार के घोटाले की जांच तेज

नई दिल्ली, 18 जून 2025: दिल्ली में सरकारी स्कूलों में क्लासरूम निर्माण से जुड़े कथित घोटाले की जांच के तहत प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने बुधवार को 37 ठिकानों पर एक साथ छापेमारी की। यह कार्रवाई धन शोधन निवारण अधिनियम (PMLA) के तहत की गई, जिसने राजनीतिक हलकों में हलचल मचा दी है।
Delhi Classroom Scam:क्या है मामला?
यह मामला आम आदमी पार्टी (AAP) सरकार के कार्यकाल में स्कूलों में हुए क्लासरूम निर्माण में लगभग 2000 करोड़ रुपये की कथित वित्तीय अनियमितताओं से जुड़ा है। आरोप है कि:
कुल 12,748 क्लासरूम बनाए जाने थे, जिनमें निर्माण की औसत लागत 24.86 लाख रुपये प्रति कक्षा दिखाई गई।
जबकि आमतौर पर ऐसे निर्माण की लागत 5 लाख रुपये तक होती है।
आरोप है कि कई ठेके बिना उचित टेंडर प्रक्रिया के AAP से जुड़े ठेकेदारों को दिए गए।
निर्माण कार्य में गुणवत्ता की अनदेखी की गई, और कई कक्षाएं निर्धारित समय सीमा में पूरी नहीं हो सकीं।
सीमेंट से बनने वाले स्ट्रक्चर के स्थान पर अल्पकालिक, सेमी-पक्के निर्माण कराए गए।
Delhi Classroom Scam:कौन-कौन हैं आरोपों के घेरे में?
इस मामले में AAP के वरिष्ठ नेता और पूर्व शिक्षा मंत्री मनीष सिसोदिया और पूर्व लोक निर्माण मंत्री सत्येंद्र जैन के नाम प्रमुख रूप से शामिल हैं। आरोप है कि दोनों नेताओं ने अपने पद का दुरुपयोग करते हुए:
मनमाने तरीके से लागत और आकार बढ़ाए
सरकारी नियमों की अनदेखी की
राजनीतिक जुड़ाव वाले ठेकेदारों को लाभ पहुंचाया
Delhi Classroom Scam:किन पर हो रही है कार्रवाई?
ईडी की टीमों ने आज जिन 37 स्थानों पर छापे मारे, उनमें कई निजी फर्मों, इंजीनियरों, ठेकेदारों और सरकारी अधिकारियों के परिसर शामिल हैं। छापेमारी का मकसद कथित फंड ट्रांसफर, संपत्ति का पता लगाना और मनी लॉन्ड्रिंग के सबूत इकट्ठा करना है।
Delhi Classroom Scam:Eडी की कार्रवाई की पृष्ठभूमि
यह मामला पहले दिल्ली के भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (ACB) द्वारा दर्ज की गई एफआईआर के आधार पर शुरू हुआ था। इसी के आधार पर ईडी ने पीएमएलए के तहत जांच शुरू की। अब मनी लॉन्ड्रिंग की दिशा में यह कार्रवाई घोटाले की गहराई और पैसा कहां गया, इसका सुराग लगाने के उद्देश्य से हो रही है।
दिल्ली के क्लासरूम घोटाले में ईडी की यह छापेमारी आम आदमी पार्टी के लिए बड़ी परेशानी बन सकती है। घोटाले के आरोपों ने न केवल AAP के ‘शिक्षा मॉडल’ पर सवाल खड़े कर दिए हैं, बल्कि इससे जुड़े राजनेताओं के लिए कानूनी मुश्किलें और भी बढ़ सकती हैं। आने वाले दिनों में कई और खुलासे होने की संभावना है।