रेलवे की नई योजना: जुलाई से 5 ट्रेनों में LHB कोच की शुरुआत, जानिए क्या होगा फर्क

Railway's new plan: LHB coaches will be introduced in 5 trains from July, know what will be the difference

धनबाद : जुलाई से ही धनबाद से चलने वाली और गुजरने वाली कई प्रमुख ट्रेनों में बड़ा बदलाव होने जा रहा है। रेलवे ने पुराने ICF कोच की जगह अब एलएचबी (LHB) रैक लगाने का फैसला लिया है। इस परिवर्तन के तहत स्लीपर कोच की संख्या घटाकर एसी और जनरल कोच बढ़ाए जा रहे हैं, जिससे यात्रियों की स्लीपर श्रेणी में सीटों की भारी कटौती झेलनी पड़ सकती है।

इन 5 ट्रेनों में घटेंगी स्लीपर सीटें

रेलवे द्वारा जारी शेड्यूल के अनुसार, धनबाद-पटना इंटरसिटी, दीक्षाभूमि एक्सप्रेस, दरभंगा-सिकंदराबाद एक्सप्रेस, पटना-सिंगरौली एक्सप्रेस और पटना-बरकाकाना पलामू एक्सप्रेस में स्लीपर कोच की संख्या घटाई जाएगी।

ट्रेन का नामपुराने स्लीपर कोचनए स्लीपर कोचकमी (सीटों में)
दीक्षाभूमि एक्सप्रेस117232 सीटें
दरभंगा-सिकंदराबाद एक्सप्रेस118152 सीटें
पटना-सिंगरौली एक्सप्रेस7624 सीटें
पटना-बरकाकाना पलामू एक्सप्रेस7624 सीटें
धनबाद-पटना इंटरसिटी7624 सीटें

कुल मिलाकर इन ट्रेनों से 456 स्लीपर सीटें कम हो जाएंगी, जिससे दैनिक यात्रा करने वाले यात्रियों को खासी दिक्कत का सामना करना पड़ेगा

कब से प्रभावी होंगे ये बदलाव

दीक्षाभूमि एक्सप्रेस : 4 जुलाई (कोल्हापुर-धनबाद) और 7 जुलाई (धनबाद-कोल्हापुर) से
धनबाद-पटना इंटरसिटी : 10 जुलाई (धनबाद से) और 14 जुलाई (पटना से)
दरभंगा-सिकंदराबाद एक्सप्रेस : 29 जुलाई से
पटना-सिंगरौली एक्सप्रेस : 10 जुलाई से
पटना-बरकाकाना पलामू एक्सप्रेस : 12 जुलाई से

क्यों लगाए जा रहे एलएचबी कोच

एलएचबी कोच आधुनिक तकनीक पर आधारित होते हैं, जो ज्यादा सुरक्षित और तेज रफ्तार ट्रेनों के लिए अनुकूल हैं। लेकिन, इस बदलाव का सीधा असर स्लीपर यात्रियों पर पड़ रहा है, क्योंकि इन कोचों में सीमित स्लीपर व्यवस्था होती है।

यात्रियों की बढ़ेंगी समस्याएं

रेलवे द्वारा स्लीपर कोच की संख्या में कटौती का विरोध भी शुरू हो गया है। यात्रियों का कहना है कि पहले ही स्लीपर श्रेणी में बुकिंग कठिन होती है और अब सीटों की संख्या कम होने से आरक्षण और ज्यादा चुनौतीपूर्ण हो जाएगा।

‘जनरल कोच की संख्या बढ़ाना जरूरी है, लेकिन इसके लिए स्लीपर कोच घटाना उचित नहीं है। हम जल्द ही GM से मिलकर इस समस्या को रखेंगे।’

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