झारखंड : शराब घोटाला केस में सहयोग नहीं कर रही प्लेसमेंट एजेंसियां, नोटिस के बाद भी ACB के सामने नहीं हुए पेश!
Placement agencies are not cooperating in the liquor scam case, did not appear before ACB even after notice!

झारखंड में कथित शराब घोटाला केस की जांच कर रही एसीबी के सामने प्लेसमेंट एजेंसी के संचालक हाजिरी नहीं लगा रहे हैं. नोटिस जारी करने के बावजूद सोमवार को प्लेसमेंट एजेंसी के संचालक एसीबी के सामने नहीं आए.
गौरतलब है कि सोमवार को एटुजेड के निदेशक ने एसीबी को संदेश भेजा है कि चूंकि उनको सोमवार को ही नोटिस मिला इसलिए वे मंगलवार को भी उपस्थित नहीं हो पाएंगे. एजेंसियों ने वक्त मांगा है. गौरतलब है कि सोमवार को ईगल हंटर के निदेशकों अमित इंद्रासन मित्तल, दिपाली मित्तल, मनोज तिवारी को एसीबी के सामने उपस्थित होना था लेकिन वे नहीं आये.
मंगलवार को एसीबी के सामने एटुजेड के निदेशक परमात्मा सिंह राठौर, रीतू गोयल और अरुण गौर को आना था लेकिन उनके भी आने की संभावना नहीं है.
ईगल हंटर ने एसीबी के सामने उपस्थित नहीं होने का कोई कारण नहीं बताया और ना ही वक्त की मांग की है.
करोड़ों की फर्जी बैंक गारंटी दी थी
बताया जा रहा है कि एसीबी ने फर्जी बैंक गारंटी देने वाली मार्शन इनोवेटिव सिक्योरिटी सर्विस प्राइवेट लिमिटेड के निदेशकों को 3 जून और विजन हॉस्पिटिलिटी सर्विस प्राइवेट लिमिटेड के निदेशकों को 4 जून को उपस्थित दोने का निर्देश दिया था लेकिन दोनों ही कंपनियों के निदेशक पूछताछ के लिए नहीं आये.
एसीबी ने नये सिरे से दोनों निदेशकों को नोटिस भेजा है. बताया जा रहा है कि मार्शन और विजन नाम की दोनों कंपनियों ने 5-5 करोड़ रुपये से अधिक की फर्जी बैंक गारंटी दी थी.
न्यायिक हिरासत में हैं सभी पांच आरोपी
इधर, शराब घोटाला केस में जेल में बंद सीनियर आईएएस अधिकारी और तात्कालीन उत्पाद सचिव विनय कुमार चौबे, संयुक्त आयुक्त गजेंद्र सिंह सहित 5 आरोपियों की न्यायिक हिरासत की अवधि कोर्ट ने बढ़ा दी है. सभी आरोपियों की पेशी वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिये सोमवार को एसीबी के विशेष न्यायाधीश योगेश कुमार सिंह की अदालत में पेश किया गया था.
एसीबी ने विनय कुमार चौबे और गजेंद्र सिंह को 20 मई को लंबी पूछताछ के बाद गिरफ्तार किया था.
इसके बाद एसीबी ने जेएसबीसीएल के वित्त महाप्रबंधक सुधीर कुमार दास, पूर्व महाप्रबंधक सुधीर कुमार और मेसर्स मॉर्शन इनोवेटिव सिक्योरिटी सर्विसेज प्राइवेज लिमिटेड प्लेसमेंट एजेंसी के स्थानीय प्रतिनिधइ नीरज कुमार सिंह को 21 मई को गिरफ्तार किया था. वे तभी से न्यायिक हिरासत में है.
मार्च 2023 में लागू हुई थी नई शराब नीति
गौरतलब है कि मार्च 2023 में झारखंड में नई शराब नीति लागू हुई थी. तब उत्पाद विभाग के सचिव विनय कुमार चौबे हुआ करते थे. आरोप है कि विनय कुमार चौबे ने प्लेसमेंट एजेंसियों के चयन से लेकर टेंडर जारी करने तक में भारी गड़बड़ियां की.
उत्पाद विभाग के बड़े अधिकारी, कर्मचारी औऱ शराब कंपनियों ने मिलकर सरकारी राजस्व को 38 करोड़ रुपये तक का नुकसान पहुंचाया.