रिटायर शिक्षकों से रिकवरी के आदेश : प्रवरण वेतनमान पाने वाले इन शिक्षकों की मुश्किलें बढ़ी…..विभागीय आदेश पर भड़के शिक्षक संगठन ने खोला मोर्चा …

गढ़वा : झारखण्ड राज्य माध्यमिक शिक्षक संघ जिला इकाई गढ़वा के जिलाध्यक्ष सुशील कुमार एवं जिलासचिव नागेंद्र चौधरी के द्वारा संयुक्त रूप से प्रधान सचिव एवं निदेशक स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता विभाग झारखण्ड सरकार, उपायुक्त गढ़वा एवं जिला शिक्षा पदाधिकारी गढ़वा को ज्ञापन सौंपा। सरकारी माध्यमिक स्नातक प्रशिक्षित शिक्षकों को राज्यपाल के आदेश से अधिसूचित विभागीय अधिसूचना संख्या- 434 दिनांक 01-03-2016 में निहित प्रावधान के आलोक में स्वीकृत प्रवरण वेतनमान को रद्द करने की मांग की।

(C)No.605/2020 सुनील कुमार शुक्ला बनाम झारखंड राज्य एवं अन्य से संबंधित वाद के संबंध में उपायुक्त गढ़वा कार्यालय के कार्यालय अधीक्षक एवं जिला शिक्षा पदाधिकारी गढ़वा कार्यालय के प्रधान सहायक को ज्ञापन पत्र सौंपा गया।

संघ के जिलाध्यक्ष सुशील कुमार ने बताया कि निदेशक, माध्यमिक शिक्षा, झारखंड, रांची के पत्रांक 2615 दिनांक 11-10-2022 एवं विभागीय संकल्प संख्या- 434 दिनांक 01-03-2016 के द्वारा
अधिसूचित झारखंड सरकारी माध्यमिक विद्यालय नियुक्ति एवं सेवा शर्त नियमावली 2015 के अध्याय -3 के नियम-3 के उप नियम (ख)-।।। में दर्शाए गए स्नातक प्रशिक्षित मूल कोटि के शिक्षकों को प्रवरण वेतनमान में नियम-6 में दर्शाए गए प्रावधान के आलोक में प्रोन्नति देने का नियम है। इस नियम की स्पष्ट व्याख्या करते हुए तत्कालीन विभागीय सचिव आराधना पटनायक ने पत्रांक- 955 दिनांक 04-05-2016 और पत्रांक-1611 दिनांक 28-08-2017 के द्वारा राज्य के सभी उपायुक्त को वरीय/प्रवरण वेतनमान में प्रोन्नति देने के लिए दिशा निर्देश दिया गया था।

गढ़वा DEO के कार्यालय में ज्ञापन सौंपते हुए

इस प्रावधान के आलोक में सरकारी माध्यमिक विद्यालय के मूल कोटि के स्नातक प्रशिक्षित शिक्षकों को उक्त नियमावली के अध्याय-8 के नियम-11 के उप नियम-।। के तहत उपायुक्त की अध्यक्षता में गठित जिला स्तरीय स्थापना समिति द्वारा गढ़वा जिला के स्नातक प्रशिक्षित सरकारी माध्यमिक शिक्षकों को प्रवरण वेतनमान में प्रोन्नति दी गई है, जो शत प्रतिशत नियमानुकूल है।

निदेशक, माध्यमिक शिक्षा, झारखंड,रांची ने पत्रांक- 1201 दिनांक 27-07-2020 के द्वारा क्षेत्रीय शिक्षा उपनिदेशक संथाल परगना प्रमंडल दुमका की अध्यक्षता में एक समिति गठित किया गया और इस समिति के प्रस्ताव के आधार पर निदेशक (मा.शि.) झारखंड, रांची द्वारा पत्रांक -1802 दिनांक 24-09-2021 और आदेश संख्या – 895 दिनांक 31-03-2022 निर्गत कर जिला शिक्षा पदाधिकारी, गढ़वा को अनाधिकार पूर्व में दिए गए प्रवरण वेतनमान को समीक्षा/संशोधन करने का निदेश /आदेश दिया गया है।

जिलासचिव नागेंद्र चौधरी ने बताया कि निदेशक (मा.शि.) झारखंड ,रांची द्वारा अनाधिकार गठित समिति के प्रस्ताव के आधार पर विभागीय संकल्प संख्या- 1726 दिनांक 21-06-2022 निर्गत हुआ है। इस पत्र की कंडिका-4 की उप कंडिका (x) में निहित प्रावधान के अनुसार यह संकल्प निर्गत तिथि से प्रभावी होगी। इसके बावजूद निदेशक (माध्यमिक शिक्षा), झारखंड, रांची के निदेश/आदेश के आलोक में जिला शिक्षा पदाधिकारी, गढ़वा द्वारा विभागीय अधिसूचना संख्या- 434 दिनांक 01-03- 2016 के आलोक में प्रवरण वेतनमान प्राप्त शिक्षकों पर कार्रवाई किया जा रहा है ,जो सर्वथा अनुचित है। यह नैसर्गिक न्याय के प्रतिकूल है। जिसके कारण माननीय उच्च न्यायालय में अनेकों याचिका दायर हुआ है और लगातार हो रहा है।

संघीय पदाधिकारी ने सभी सक्षम शिक्षा पदाधिकारियों से अनुरोध कर कहा है कि सहानुभूति पूर्वक विचार करते हुए शिक्षक हित में गढ़वा जिला के सेवानिवृत्त हो चुके उन पचपन (55) स्नातक प्रशिक्षित शिक्षकों को दिए गए प्रवरण वेतनमान को रद्द करने एवं राशि वसूली की कार्रवाई को स्थगित करने के लिए भवदीय स्तर से उचित कार्रवाई करने की कृपा की जाय। अन्यथा बाध्य होकर उन सभी प्रभावित पचपन शिक्षकों को माननीय उच्च न्यायालय की शरण में जाना पड़ेगा।

अन्त में जिलाध्यक्ष सुशील कुमार, जिला संयोजक रेयाज अहमद, जिला सचिव नागेंद्र चौधरी एवं सेवानिवृत प्रभावित शिक्षक श्रवण कुमार पाल ने निदेशक (माध्यमिक शिक्षा) झारखंड,रांची /अध्यक्ष-सह- उपायुक्त तथा सचिव -सह -जिला शिक्षा पदाधिकारी गढ़वा जिला शिक्षा स्थापना समिति गढ़वा से करबद्ध अनुरोध किया है कि सरकारी माध्यमिक शिक्षक सेवा शर्त नियमावली 2015, अधिसूचना संख्या 434 दिनांक 01-03-2016 के आलोक में वर्ष 2018 में दिए गए प्रवरण वेतनमान के लाभ को विभागीय संकल्प संख्या 1726, जो दिनांक 21-06-2022 से प्रभावी होने के फलस्वरूप भूतलक्षी प्रभाव से क्रियान्वित करना न्याय संगत नहीं है, के आलोक में तत्काल प्रभाव से प्रवरण वेतनमान से लाभान्वित तथा प्रभावित पचपन स्नातक प्रशिक्षित शिक्षकों पर की गई कार्रवाई को स्थगित किया जाय।

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