रांची । पुरानी पेंशन योजना को लेकर झारखंड के कर्मचारियों का रुझान काफी बढ़ा हुआ है। विकल्प चयन को लेकर राज्य सरकार ने जो शपथ पत्र मांगा था, वो आंकड़ा अब 1लाख से ज्यादा हो गया है। कर्मचारियों के OPS के प्रति बढ़े रुझान पर अब NMOPS ने खुशी का इजहार किया है। जानकारी के मुताबिक विकल्प पत्र में एनपीएस को चयन करने की कर्मचारियों की संख्या बहुत ही मामूली है। एनपीएस को विकल्प के रूप में उन्हीं कर्मचारियों ने शामिल किया है जो न्यूनतम 10 साल की सेवा की हरता को पूरा नहीं करते हैं।
केंद्र सरकार कर्मचारी विरोधी – विक्रांत सिंह
पुरानी पेंशन बहाली राष्ट्रीय आंदोलन के प्रदेश अध्यक्ष, विक्रांत कुमार सिंह ने कहा की राज्य कर्मियों के सतत संघर्ष, मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन जी के दृढ़ इच्छाशक्ति एवं वित्त तथा भविष्य निधि निदेशालय के पदाधिकारियों एवं कर्मियों के सकारात्मक सहयोग के बदौलत बहुत ही अल्प समय में हम सब NPS to OPS के शत-प्रतिशत लक्ष्य के बहुत करीब है। आंदोलन का अगला चरण एनएसडीएल से एनपीएस के पैसे वापस लाने को लेकर होगा।
उन्होंने कहा कि पुरानी पेंशन योजना कर्मचारियों के साथ सरकार के भी हित में है कुछ लोग जो अपने आप को अर्थशास्त्री कहते हैं उनके द्वारा जानबूझकर आम लोगों में पुरानी पेंशन योजना को एक भार के रूप में दिखाते हुए भ्रम फैलाया जा रहा है।
हमारा यह स्पष्ट मानना है कि ऐसे लोग पूंजीवादी व्यवस्था के पोशक एवं पूंजीपतियों के इशारे पर काम करने वाले होते हैं । उनको इस बात का डर सता रहा है कि नई पेंशन योजना के तहत सरकार एवं कर्मियों के वेतन के 24% अंशदान जो शेयर बाजार के माध्यम से पूंजीपतियों के लोन माफी के लिए दिया जाता था उस पर रोक लगते ही उन्हें एक नई कठिनाइयों का सामना करना पड़ेगा। इसलिए वे शेयर बाजार पर आधारित इस योजना का बचाव करने का प्रयास कर रहे हैं।
पुरानी पेंशन हम कर्मचारियों के लिए कोई राजनीतिक मुद्दा नहीं है परंतु इस भावनात्मक मसले ने सभी राजनीतिक दलों के लिए इसे एक राजनीतिक मुद्दा जरूर बना दिया है केंद्र सरकार को चाहिए की कर्मचारी हित एवं लोकहित में केंद्रीय कर्मियों के लिए भी पुरानी पेंशन बहाल करे।
प्रांतीय मीडिया प्रभारी डॉक्टर शिवानंद काशी एवं राजेंद्र प्रसाद ने बताया कि जनवरी के अंतिम सप्ताह में एनएमओपीएस का प्रांतीय महाधिवेशन आहूत करने का निर्णय लिया गया है जिसमें केंद्र सरकार के रुख पर विस्तार पूर्वक चर्चा के उपरांत आंदोलन के अगले चरण की घोषणा की जाय।