रांची । ईद पर्व को देखते हुए सरकार द्वारा सभी कर्मचारियों को अप्रैल 2023 अग्रिम वेतन मानदेय भुगतान करने का दिशानिर्देश जारी किया गया था लेकिन कल 19 अप्रैल को राज्य परियोजना निदेशालय द्वारा वीडियो कांफ्रेंसिंग कर सहायक अध्यापकों पारा शिक्षकों का मानदेय भुगतान पर रोक लगा दिया गया और निर्देश दिया गया है अब माह अप्रैल का बायोमेट्रिक हाजिर जांच होने के उपरांत मानदेय भुगतान किया जाएगा ब्यूरोक्रेट का तानाशाही पैंतरा के साथ सौतेला व्यवहार करना शुरू कर दिया है।

राज्य में महत्त्वपूर्ण पर्व त्यौहार के आगमन पर सरकार द्वारा सभी सरकारी कर्मचारियों के साथ साथ अनुबंध कर्मियों को भी अग्रिम भुगतान का आदेश दिया गया था लेकिन सिर्फ सहायक अध्यापकों पारा शिक्षकों का मानदेय भुगतान‌ पर रोक लगा दिया गया। 2022 में भी इस तरह का आदेश जारी कर सहायक अध्यापकों को भी अग्रिम भुगतान प्राप्त हो चुका है इस बार होली के पावन त्यौहार में भी अग्रिम भुगतान किया गया है। परंतु राज्य के सहायक अध्यापकों के माह अप्रैल 2023 के मानदेय का अग्रिम भुगतान के आदेश जारी करते ही महज 24 घण्टे के अंदर अग्रिम भुगतान की प्रक्रिया को राज्य परियोजना कार्यालय द्वारा रोक दिए जाने की सूचना प्राप्त हुई है।

वेतन भुगतान नहीं करने का कारण बायोमेट्रिक उपस्थिति की जांच बताया जा रहा है जो बिल्कुल नाइंसाफी और अव्यवहारिक एवं सहायक अध्यापकों के साथ सौतेला व्यवहार है। उक्त बातें सहायक अध्यापक संघ के प्रदेश उपाध्यक्ष मुकेश कुमार साह ने कहा। साथ ही ईविद्यावाहिनी पर झारखंड के सरकारी शिक्षक और सहायक अध्यापक पारा शिक्षक दोनों नियम संगत बायोमेट्रिक हाजिर बना रहें हैं तो फिर किस नियम के तहत एक ही विद्यालय में दो तरह का नियम लागू किया जा रहा है वेतन, मानदेय भुगतान से वंचित रहना पड़ सकता है।

ये सरकार के ब्यूरोक्रेट का दादागिरी और तानाशाही मानसिकता नहीं है तो क्या है। मुख्यमंत्री महोदय से आग्रह है कि तत्काल संज्ञान में लेते हुए विभागीय अधिकारियों को दिशा निर्देश दें कि ईद त्योहार को देखते हुए जारी आदेश पर पुनर्विचार किया जाय।
साथ ही अप्रैल माह का सरकारी कर्मचारियों की तरह सहायक अध्यापकों को भी अग्रिम भुगतान का आदेश दिया जाएं

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