रांची । मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने उत्तराखंड के उत्तरकाशी में ब्रह्मकमल और यमुनोत्री नेशनल हाईवे पर सिल्क्यारा और डंडलगांव के बीच निर्माणाधीन टनल में कई श्रमिक फंसने पर संज्ञान लिया है। इनमें झारखंड के 13 श्रमिक शामिल है। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने इन मजदूरों को तुरंत सहायता उपलब्ध कराने का निर्देश दिया।

जिसके बाद झारखण्ड के श्रमिकों को सहायता प्रदान करने के लिए तीन सदस्यीय टीम उत्तराखंड रवाना हो गई है। टीम में जैप आईटी के सीईओ भुवनेश प्रताप सिंह, ज्वाइंट लेबर कमिश्नर राजेश प्रसाद एवं ज्वाइंट लेबर कमिश्नर श्री प्रदीप रॉबर्ट लकड़ा शामिल हैं। इन श्रमिकों को आवश्यक सहायता प्रदान करने और घटना स्थल पर भ्रमण कर समय-समय पर अद्यतन स्थिति से दूरभाष पर अवगत कराने का निदेश टीम को दिया गया है।

मुख्यमंत्री ने भेजी टीम

जानकारी के अनुसार, रविवार को उत्तराखण्ड के उत्तरकाशी जिले में निर्माणाधीन टनल के अचानक धंस जाने से कुल 40 श्रमिक टनल में फंस गए हैं, जिसमें कुछ श्रमिक झारखण्ड के भी हैं। मामले की जानकारी के बाद मुख्यमंत्री के निर्देश पर झारखण्ड के श्रमिकों की मदद के लिए तीन सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल को उत्तराखण्ड भेजा गया है। मुख्यमंत्री ने टनल में फंसे हुए सभी श्रमिकों की शीघ्र कुशलता की कामना की है।

गिरिडीह दो मजदूर की मिली जानकारी

राज्य प्रवासी नियंत्रण कक्ष भी लगातार उत्तरखंड सरकार के संपर्क में है। फंसे मजदूरों में गिरिडीह के सिमराढाब निवासी बुधन महतो का इकलौता पुत्र सुबोध वर्मा (25वर्ष) और केशोडीह गांव निवासी विश्वजीत वर्मा भी शामिल है। दोनों काम की तलाश में उत्तराखंड गए थे और इस प्रोजेक्ट में काम कर रहे थे। घर की आर्थिक स्थिति खराब होने की वजह से दोनों रोजगार की तलाश में घर से बाहर निकले हैं।

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