रांची/झारखंड। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेने आज नीति आयोग की 8वीं गवर्निंग काउंसिल की मीटिंग में शामिल हुए। स दौरान राज्य से जुड़े कई मुद्दों पर बातों को रखा। इस दौरान मुख्यमंत्री ने कहा विगत वर्षों में राज्य सरकार द्वारा समाज के अंतिम पायदान पर खड़े व्यक्ति तक मूलभूत सुविधाओं को पहुंचाने हेतु महत्वपूर्ण प्रयास किये गये हैं। मैं इस बैठक में उपस्थित सभी सदस्यों को ये विश्वास दिलाना चाहता हूं कि झारखण्ड देश के साथ कंधे से कंधा मिला कर कार्य करने हेतु सदैव तत्पर रहा है एवं रहेगा।

मुख्यमंत्री ने कहा विकसित भारत की परिकल्पना को साकार करने एवं झारखण्ड की मूलभूत सरंचना को मजबूत बनाने हेतु सरकार द्वारा सार्थक प्रयास किए जा रहे हैं। MSME को बढ़ावा देने हेतु प्रक्रियाओं के सरलीकरण पर भी विशेष ध्यान दिया जा रहा है। मुझे उम्मीद है। इन प्रयासों से निवेशकों में विश्वास बढ़ेगा और निवेशक प्राकृतिक संपदाओं से परिपूर्ण राज्य में निवेश हेतु प्रोत्साहित होंगे।

मुख्यमंत्री ने कहा महिलाओं का विकास हमारी सरकार की प्राथमिकताओं में से एक है। SHG एवं ग्राम संगठनों में महिलाओं की भागीदारी सुनिश्चित करने में झारखण्ड अग्रणी रहा है। पंचायतों में भी इनकी भागीदारी के मामले में राज्य की गिनती अव्वल राज्यों में होती है। हमारा निरंतर प्रयास रहा है कि इस दिशा में और ठोस कदम उठाकर महिलाओं के सशक्तिकरण को और दृढ़ता प्रदान की जाय।

कौशल विकास कार्यक्रमों के माध्यम से युवा और महिलाओं को आजीविका प्रदान करने के लिए राज्य सरकार द्वारा स्थानीय स्तर पर आवश्यक मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध कराया जा रहा है, जिसके फलस्वरूप ग्राम स्तर पर भी स्थानीय उद्यमिता को बढ़ावा मिल रहा है। MSME क्षेत्र को सुदृढ़ करने हेतु मुख्य रूप से पृथक् MSME निदेशालय की स्थापना एवं वर्त्तमान जिला उद्योग केन्द्रों को जिला MSME केन्द्र के रूप में विकसित करने हेतु महत्वपूर्ण कदम उठाये गए हैं।

उन्होंने कहा कि राज्य एवं जिला में समन्वय स्थापित कर 2.8 लाख से अधिक पंजीकृत MSME उद्योगों की जरूरतों को पूरा करने का प्रयास किया जा रहा है। राज्य में MSME प्रोत्साहन नीति 2023 और MSME Special Concession अधिनियम 2023 का प्रारूप तैयार किया गया है, जिसे शीघ्र लागू किया जाएगा। MSME सेक्टर में स्थायी पूंजी पर देय पूँजीगत सब्सिडी को 25 % से बढ़ाकर अधिकतम 40 % तक किया जा रहा है। इसके साथ ही राज्य सरकार Raising and Accelerating MSME performance कार्यक्रम के तहत Strategic Investment Plan भी तैयार कर रही है।

मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा कि ने कहा राज्य में वर्तमान लागू Procurement Policy को भी Revise किया जा रहा है, ताकि स्थानीय MSME को और अधिक महत्व दिया जा सके। इसके लिए नई Public Procurement Policy का प्रारूप तैयार किया गया है, जिसे शीघ्र लागू किया जाएगा। इससे समाज के कमजोर वर्गों यथा महिलाएं, ST/SC और दिव्यांग उद्यमियों के स्वामित्व वाले उद्योगों को अधिक लाभ मिल सकेगा।

मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने नीति आयोग की बैठक में कहा Corridor (ii) Holy Tourist Corridor एवं (iii) Central Corridor को चिन्हित कर DPR तैयार किया जा रहा है। इन महत्वपूर्ण परियोजनाओं के कार्यान्वयन में हमें केन्द्र से सहयोग की अपेक्षा है। झारखण्ड में राष्ट्रीय उच्च पथ घनत्व को राष्ट्रीय औसत के बराबर लाने के लिए कुल 08 Major Road Corridors (1662.50 KM) को भी चिन्हित किया है। इन राजकीय पथों को राष्ट्रीय उच्च पथों में विकसित किये जाने से राज्य अन्तर्गत North to South एवं East to West connectivity सुदृढ़ होगी। साहेबगंज एवं मनिहारी घाट (बिहार) के मध्य गंगा नदी पर निर्माणाधीन उच्च स्तरीय सेतु के तर्ज पर राजमहल एवं मानिकचक (पश्चिम बंगाल) के मध्य गंगा नदी पर उच्च स्तरीय सेतु निर्माण हेतु NHAI से अनुरोध किया गया है। इस प्रोजेक्ट के लिए हमें केन्द्र सरकार से सहयोग की अपेक्षा है।

मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने बताया कि झारखण्ड में नगरीय क्षेत्रों एवं आबादी का निरंतर विकास हो रहा है और इसी के अनुरूप नगरीय अवसंरचनाओं एवं नागरिकों की मूलभूत आवश्यकताओं की पूर्ति के लिए प्रयास किये जा रहें हैं। 10 शहरों का City Development Plan, 6 शहरों का Comprehensive Mobility Plan एवं 43 शहरों का GIS Based Master Plan भी तैयार कर लिया गया है। Online Building एवं Layout Plan Approval Management System वर्तमान में 45 निकायों, 2 विकास प्राधिकार एवं स्मार्ट सिटी रांची में लागू है।

नीति आयोग की बैठक में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने बताया कि Ease of Doing Business में झारखण्ड का प्रदर्शन हमेशा से उत्कृष्ट रहा है। Business Reform Action Plan के शुरुआती 5 संस्करणों में झारखण्ड हमेशा शीर्ष 10 राज्यों की सूची में रहा है। Reduction of compliance burden कार्यक्रम के अन्तर्गत महत्वपूर्ण पहल की गई है जिसमें विशेष ध्यान प्रक्रियाओं को सरल एवं युक्तिसंगत बनाना है। विगत दो वर्षों यथा 2021 और 2022 में व्यवसायों के साथ साथ नागरिक सेवाओं से संबंधित कुल 507 compliance burden को कम किया गया है।

हेमंत सोरेन ने बैठक में बताया कि आयुष्मान भारत मुख्यमंत्री जन आरोग्य योजना अंतर्गत राज्य निधि से अतिरिक्त राशि प्रदान करते हुए 33 लाख से अधिक अतिरिक्त परिवारों को योजना का लाभ प्रदान किया गया है। उन्होंने बताया कि पूँजी निवेश के लिए Special Assistance to the States for Capital Investment (Part-II) के तहत राज्य में लगभग 170 करोड़ रुपये की लागत से तीन महत्वपूर्ण परियोजनाओं पर काम किया जा रहा है। जिसमें निरसा, धनबाद में लॉजिस्टिक पार्क का विकास, राँची में ट्रांसपोर्ट नगर फेज-2 एवं ओरमांझी, रांची में औद्योगिक क्षेत्र को सड़क मार्ग से जोड़ने की योजना शामिल है।

उन्होंने बैठक में कहा कि मैं इस सदन में उपस्थित सभी माननीय प्रतिभागियों को यह अवगत कराना चाहूंगा कि झारखण्ड में विगत तीन वर्षों में विकास की गति में काफी तेजी आई है झारखण्ड में आधारभूत संरचना के क्षेत्र में निवेश की असीम संभावनाएं हैं। सरकार इस दिशा में प्रयास कर रही है। प्रधानमंत्री से आग्रह है कि Cooperative Federalism के सिद्धान्तों को धरातल पर उतारते हुए झारखण्ड को उचित सहयोग प्रदान किया जाय, जिससे विकसित भारत की परिकल्पना को साकार करने में झारखण्ड भी अपनी भागीदारी दर्ज करा सके।

मुख्यमंत्री ने कहा राज्य के वंचित वर्गों को कौशल विकास कार्यक्रमों से जोड़ने हेतु मुख्यमंत्री सारथी योजना का शुभारंभ किया गया है, जिसके माध्यम से आने वाले तीन वर्षों में राज्य के सभी 264 प्रखण्डों में कौशल केन्द्र स्थापित किए जाएंगे। इसके अतिरिक्त, राज्य के सर्वांगीण विकास में सभी गरीब एवं वंचित वर्गों की भागीदारी सुनिश्चित करने हेतु मुख्यमंत्री सारथी योजना के अंतर्गत प्रखंड स्तरीय Institute for Rural Skill Acquisition (BIRSA) स्थापित करने पर विचार किया जा रहा है। आर्थिक रूप से कमजोर वैसे युवा, जो कौशल विकास प्रशिक्षण केंद्रों में गैर आवासीय व्यवस्था के तहत कौशल प्राप्त करना चाहते हैं, उन्हें घर से प्रशिक्षण केन्द्र तक आने-जाने हेतु प्रति माह रु.1,000/- की राशि DBT के माध्यम से देने का प्रावधान किया गया है। यह भी निर्णय लिया गया है कि जो युवा प्रशिक्षणोपरांत सफल प्रमाणीकरण (Certification) के तीन माह के अंदर नियोजित नहीं हो पाते हैं, उनका मनोबल बनाये रखने हेतु अधिकतम एक वर्ष तक उन्हें प्रतिमाह रूपये 1,000/एवं युवतियों / दिव्यांगों / परलैंगिकों को प्रतिमाह रूपये 1,500/-रोजगार प्रोत्साहन भत्ता का भुगतान किया जायेगा।

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